रांची: आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आदिवासी समाज स्वयं देश की मुख्यधारा है। देश की आज़ादी की लड़ाई हो, समाज निर्माण का प्रश्न हो या जनजागरण का आंदोलन — हर दौर में आदिवासी समाज ने देश को दिशा दी है।
उक्त विचार झारखंड राज्य जनजातीय आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने व्यक्त किए। वे आज विश्व संवाद केंद्र, रांची और प्रभात प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थीं। कार्यक्रम प्रभात प्रकाशन के कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया।
लकड़ा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज और देश के जागरण के लिए अविस्मरणीय कार्य किए। आज भारत ही नहीं, विदेशों में भी उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर कालखंड में जनजातीय समाज में वीर और वीरांगनाओं ने समाज का नेतृत्व किया — चाहे वीर बुद्ध हों, तेलंगा खड़िया, या फूलो-झानो जैसी वीरांगनाएं। जब हम भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हैं, तब डोम्बारी बुरू के बलिदान को भी नहीं भूल सकते।
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाने की नहीं, बल्कि उनके साथ चलने की आवश्यकता है। भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 24 वर्ष की आयु में समाज और देश को जागृत किया हिंदुत्व को सुरक्षित रखा — यह अपने आप में अद्भुत उदाहरण है। जैसे उन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ ‘उलगुलान’ किया, वैसे ही आज हमें सामाजिक अवरोधों के विरुद्ध अपने भीतर के बिरसा को जागृत करने की आवश्यकता है।”
कार्यक्रम के अध्यक्ष*विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष रामावतार नारसरिया ने कहा कि इतिहास में जनजातीय आंदोलनों को अपेक्षित स्थान नहीं दिया गया। जनजातीय समाज ने अंग्रेज़ों के खिलाफ जो संगठित आंदोलन चलाया, वह भारत के स्वतंत्रता इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है। दुर्भाग्यवश, अंग्रेजों की नीतियों ने इन आंदोलनों को विभाजित कर दिया।
मंच संचालन कर रहे चिंतक एवं लेखक डा. मयंक मुरारी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने केवल राजनीतिक संघर्ष नहीं किया, बल्कि सामाजिक और धार्मिक जागरण का भी अभियान चलाया। 24 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने जो कार्य किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रभात प्रकाशन, झारखंड के हेड श्री राजेश कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री स्निग्ध रंजन ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में डा. अंजनी कुमार श्रीवास्तव (पूर्व कुलपति), विजय कुमार- प्रांत सह प्रचार प्रमुख , विजय कुमार सिंह, राजेंद्र मिश्र, संजय जैन,सुषमा कुमारी,पिंकी खोया, शिवेंदु सागर, शंकर सिंह, महानगर कार्यवाह दीपक पांडेय, देवेश अजमानी,अवनिंद्र कुमार,असीत कुमार सहित समाज के अनेक सज्जन शक्ति उपस्थित रहे ।