झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा का 7वां स्थापना दिवस मनाया गया, पाँच कार्यकर्ताओं को भी उत्कृष्ट वैश्य सम्मान दिया गया
छह प्रबुद्धजनों वैश्य रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया
Ranchi: रेडियम रोड़ स्थित डॉ. वी.पी. केशरी सभागार (होटल आलोका) में झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा का 7वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया. समारोह की शुरुआत कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर एवं कार्यकारी अध्यक्ष रेखा मंडल व हीरानाथ साहु द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. विजय राज, अति विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक कुमार एवं समाजसेवी राजेश गुप्ता द्वारा पाँच प्रबुद्धजनों को वैश्य रत्न एवं पाँच कार्यकर्ताओं को उत्कृष्ट वैश्य की उपाधि से सम्मानित किया गया. इसके पूर्व वैश्य मोर्चा के पदाधिकारियों ने अतिथियों को भी शाल ओढ़ाकर, बुके एवं स्मृति चिन्ह दे कर अपने सम्मानित किया. सर्वप्रथम उप प्रधान महासचिव उपेन्द्र प्रसाद द्वारा प्रस्तावना पत्र का पाठ किया गया. तत्पश्चात सभी वक्ताओं ने वैश्य मोर्चा के गतिविधियों, आंदोलन और मुद्दों पर चर्चा करते हुए संघर्ष को और तेज करने एवं संगठन को मजबूत बनाने का संकल्प लिया.
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. विजय राज ने कहा कि वे वैश्य मोर्चा शुरूआत दिनों से जुड़े हुए हैं. वैश्य मोर्चा ने समाज को जगाने और संगठित करने का काम किया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. डॉ. राज ने कहा कि संगठन के बिना समाज अधूरा और असुरक्षित है. संगठन से ताकत और सहारा मिलता है. इसलिए वैश्य मोर्चा और मजबूत करने की जरूरत है. सभी वैश्यों को साथ देने के लिए आगे आने की जरूरत है.
विशिष्ट अतिथि एवं झारखंड प्रदेश शौंडिक (सूढ़ी) समाज के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि मैंने भी एक बार प्रयास किया था, लेकिन उतना सफलता नहीं मिल सका. महेश्वर साहु एवं इनके साथियों ने यह कारनामा कर दिखाया है और कुछ हद तक वैश्य समाज को जागरूक एवं संगठित कर दिया है. मेरी शुभकामनाएँ और साथ हमेशा वैश्य मोर्चा को रहेगा.
विशिष्ट अतिथि एवं समाजसेवी राजेश गुप्ता ने कहा कि दल से ऊपर समाज होता है. आज सभी नेता अपनी जाति को प्राथमिकता देते हैं तो वैश्य समाज के नेताओं और मंत्रियों को भी इस पर विचार करना चाहिए. अन्यथा बाद में उन्हें पछताना पड़ेगा.
अपने अध्यक्षीय भाषण में केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने कहा कि वैश्य मोर्चा का जन्म ही विपरित परिस्थितियों से लड़ने और वैश्य समाज को हक अधिकार दिलाने के लिए हुआ है. वैश्य मोर्चा कोई आम सामाजिक संगठन नहीं है कि साल में एक बार खानापूर्ति के लिए कार्यक्रम कर दिया जाए. बल्कि वैश्य मोर्चा मुद्दों और नीतियों के साथ आगे बढ़ने का संकल्प ले कर चलती है. साहु ने कहा कि अपने लोगों सम्मान करना और जरूरत पड़ने पर लड़ कर सम्मान बचाना हमारा उद्देश्य है. यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
कार्यक्रम का संचालन वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार साहु एवं उप प्रधान महासचिव अशोक गुप्ता ने किया.
वैश्य रत्न सम्मान पाने वाले-
1) सुरेन्द्र प्रसाद साहु (क्रीड़ा क्षेत्र)
2) अशोक मंडल (अभियंत्रण)
3) डॉ. अमित साहु (चिकित्सा अध्ययन)
4) अनु श्री रैना (नेत्र चिकित्सा)
5) चंदन चौधरी ( पत्रकारिता)
6) कमल केड़िया (उद्योग) झारखंड से बाहर होने के कारण नहीं आ सके. इन्हें बाद में जा कर सम्मानित किया जाएगा.
इस अवसर पर बेहतर कार्य करने वाले पाँच कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया. बड़कागांव के मिथिलेश साव, ओरमांझी के लक्ष्मण साहु, अरगोड़ा के सहदेव चौधरी, कांके के आदित्य पोद्दार एवं देवघर के राजकुमार बर्नवाल को सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सात पाउन्ड का केक काट कर स्थापना दिवस की खुशियां मनायी गयी. तत्पश्चात केंद्रीय अध्यक्ष द्वारा केंद्रीय समिति एवं जिला समिति को भंग करने की घोषणा की. तय किया गया कि नई केंद्रीय की घोषणा 20 नवंबर को किया जायेगा. उसके पूर्व 13 नवंबर को अपनी मांगों को लेकर पैदल मार्च किया जायेगा और राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कपिल प्रसाद साहु, कृष्णा साहु, हलधर साहु, राहुल कुमार साहु, संजय साहु, मनोज कुमार, आदित्य पोद्दार, अनिल वैश्य का काफी योगदान रहा. इस अवसर रामसेवक प्रसाद, दिनेश्वर मंडल, ढ़लन साव, प्रमोद चौधरी, आदित्य नारायण प्रसाद, मुकेशलाल सिंदूरिया, दिलीप प्रसाद, रोहित कुमार साहु, शिव प्रसाद साहु, चतुर साहु, करण मंडल, नरेश साहु, विजय कुमार, भुनेश्वर साव, अशोक साव, रेणू देवी, पूनम जायसवाल आदि सैंकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.