NEWS7AIR

भाजपा के बाबूलाल ने झारखंड के मुख्यमंत्री से पूछा सवाल 

अगर सुरक्षा व्यवस्था करनी ही है, तो सिर्फ चर्च के लिए क्यों?

रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सदन में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चर्च को अधिक प्रश्रय देने की मानसिकता को उजागर करते हुए सोशल मीडिया X (पुराना ट्विटर ) पर एक सन्देश दिया है।  

सन्देश

पिछले कुछ वर्षों में झारखंड में कई जगह संथालों के ज़ाहिर थान, मांझी थान की ज़मीनों पर कब्जा एवं अतिक्रमण की घटनाएं हुई, विवाद हुआ और ये सब हो रहा है। आदिवासियों के सरना स्थल, मसना स्थल, हड़गड़ी के ज़मीनों के अतिक्रमण का विरोध और सुरक्षा को लेकर लोगों को आये दिन आंदोलन करना पड़ रहा है। झारखंड के मंदिरों पर हमले हुए हैं। मंदिरों पर कहीं बम फेंके गए, कहीं पथराव हुआ, तो कहीं देवी-देवताओं की प्रतिमाएं खंडित की गईं। लेकिन क्या कभी राज्य सरकार ने उन सबों की सुरक्षा को लेकर उन समाज के धर्मगुरुओं के साथ कोई बैठक की? जवाब है, नहीं!

अब सिमडेगा में चर्च की सुरक्षा के लिए खुद डीसी, एसपी और प्रशासनिक अधिकारी ईसाई धर्मगुरुओं के साथ बैठक करने जा रहे हैं। आखिर चर्च को ही विशेष सुरक्षा की जरूरत क्यों महसूस की जा रही है? क्या यह उन मतांतरण कराने वाले गिरोहों को सुरक्षा देने की तैयारी है, जो ‘चंगाई सभा’ के नाम पर भोले-भाले आदिवासियों को धर्मांतरण करा रहे हैं?चर्च की साजिश, ऐसे “चर्च प्रेमी” अफसरों की कारगुजारी एवं चंगाई सभा में रोग भगाने जैसे अंधविश्वास को बढ़ावा देने के कारण ही सिमडेगा में आज लगभग 51% आबादी का ईसाई धर्म में मतांतरण हो चुका है।

ऐसे में सरकार प्रायोजित इस बैठक के पीछे छिपी मंशा को लेकर लोगों के मन में संदेह है।@HemantSorenJMM जी, अगर सुरक्षा व्यवस्था करनी ही है, तो सिर्फ चर्च के लिए क्यों? सरना, मसना, हड़गड़ी स्थल, ज़ाहिर थान,मॉंझी थान, मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों की भी सुरक्षा की चिंता क्यों नहीं? सिमडेगा में होने वाली बैठक का मूल एजेंडा सार्वजनिक किया जाए, या फिर सभी धर्म/समाज के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उन सबों के धर्मस्थलों के सुरक्षा पर चर्चा की जाए।

हेमंत सरकार सबकी सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है – किसी एक धर्म के लिए नहीं : विनोद पांडेय

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा झूठ, भ्रम और सांप्रदायिकता के सहारे जनता को गुमराह करने में लगी है। हेमंत सरकार सबकी सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है – किसी एक धर्म के लिए नहीं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड सरकार पर लगाए गए आरोपों पर झामुमो ने कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड की अस्मिता और सामाजिक ताने-बाने को सबसे ज़्यादा नुकसान भाजपा की राजनीति ने पहुंचाया है, जो हर बात में धर्म और नफरत का रंग भरने की कोशिश करती है।

उन्होंने कहा कि सिमडेगा में चर्च की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक बैठक पूरी तरह एक कानूनी और शांति-सुव्यवस्था का मामला है, न कि किसी धर्म विशेष के पक्ष में उठाया गया कदम। प्रवक्ता पांडेय ने माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कही बात – ”एकता राज्य के लोगों का सबसे बड़ा हथियार है, जिन्हें “न तो विभाजित किया जा सकता है और न ही चुप कराया जा सकता है” का खासतौर पर उल्लेख किया।

झामुमो प्रवक्ता पांडेय ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नेतृत्व झारखंड में धार्मिक सद्भावना – विभिन्न धर्मों और धार्मिक समूहों के बीच आपसी समझ, सम्मान, सहनशीलता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को दर्शाता है, जिसमें सभी लोग एक दूसरे के विश्वासों का आदर करते हैं और भेदभाव या संघर्ष के बजाय सामंजस्य में रहते हैं। श्री हेमंत सोरेन जी की इसी ताकत के आगे भाजपा की राजनीति धराशायी हो गई है। कहने की जरूरत नहीं – झारखंड के इतिहास में लगातार दूसरी बार राज्य की महान जनता ने हेमंत सोरेन को सत्ता की बागडोर सौंपी। वह भी प्रचंड बहुमत के साथ।

विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि राज्य के हर नागरिक की सुरक्षा, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र से जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि भाजपा इस बात से बेचैन है कि हेमंत सरकार लगातार सामाजिक सौहार्द और विकास की दिशा में काम कर रही है, जबकि भाजपा की राजनीति केवल झूठे आरोपों और धार्मिक ध्रुवीकरण पर टिकी है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा सभी धार्मिक स्थलों सरना स्थलों, मांझी थानों, मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। जब भी कहीं तनाव या विवाद की स्थिति बनी, प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप कर शांति कायम की है और लोगों ने भी मिसाल पेश किया है। लेकिन, भाजपा को इन तथ्यों से कोई मतलब नहीं, उसका एकमात्र एजेंडा झूठ और भय फैलाकर वोट बटोरना है।

उन्होंने सवाल पूछा – मरांडी जी बताएं, उनके शासनकाल में कितने सरना, मंदिर या गुरुद्वारा सुरक्षित थे? कितनी घटनाओं में दोषियों पर कार्रवाई हुई थी?

अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा को याद रखना चाहिए कि झारखंड की धरती विविधता में एकता की प्रतीक है। यहां लोगों की अस्मिता और अधिकार का सवाल सर्वोपरि है और हेमंत सरकार उसी की रक्षा के लिए संकल्पित है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.