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रांची: प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि भाजपा द्वारा लगातार जनता को बरगलाने की असफल कोशिश की जा रही है झारखंड के युवा आश्वस्त रहे भाषा किसी विवाद का विषय नहीं बन सकता है। अभी जेटेट नियमावली के तहत भाषा की सूची जारी नहीं हुई है,भाषा के क्षेत्रवार चयन का कार्य प्रारंभिक चरण में है। जेटेट नियमावली के लिए सरकार द्वारा सभी डीईओ, डीएसई, टीआरआई, जैक, जेएसएससी,जेएससीईआरटी सहित अन्य संबंधित विभागों से सुझाव मांगा गया है जो प्रक्रियाधीन है। प्रक्रियाधीन विषयों पर सवाल उठाना भाजपा नेताओं की बचकानी हरकत है,उन्हे सुझाव है कि किसी विषय पर बोलने से पहले उसकी पूरी जानकारी रखनी चाहिए,अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है। 

जेटेट नियमावली जब तक कैबिनेट से पारित नहीं हो जाता तब तक किसी भी तरह के भ्रम में झारखंड की युवा ना रहे। महागठबंधन सरकार झारखंड के युवाओं के रोजगार छात्रों की शिक्षा और महिलाओं के स्वावलंबन के लिए चिंतित हैं उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करना चाहती है इसके लिए सरकार एक रोड मैप बना कर कार्य कर रही है जिसका सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में दिखेगा। सरकार द्वारा पदों पर नियुक्तियों के लिए कैलेंडर जारी कर दिया गया है इसके अनुरूप कार्य होगा इससे भाजपा विचलित है,लोगों के बीच नकारात्मक संदेश फैला रही है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में भाषा विवाद की जनक ही भाजपा है जिसकी उत्पत्ति रघुवर दास के शासनकाल में हुई थी। झारखंड में 13ः11 का अनुपात झारखंड का युवा भूला नहीं है। बंटवारे की सोच पर भाजपा की राजनीतिक नींव झारखंड में खड़ी है। जिस मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है उसके बारे में अनावश्यक बातें फैला कर भाजपा समाज में जहर घोलने का प्रयास कर रही है,ताकि झारखंड में विषाक्त वातावरण बन सके और भाजपा नेता अपने गिरते जनाधार को रोक सके। 

झारखंड एक सशक्त गठबंधन के आपसी समन्वय से लगातार विकास की ओर अग्रसर है। गठबंधन के युवा नेतृत्व के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों में सरकार की कमान है इसलिए युवाओं को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। महागठबंधन की सरकार में हर युवा,छात्र,महिला,जाति,भाषा को सम्मान मिलेगा जिसके वह हकदार है।

यह कांग्रेस ने तब कही जान झारखंड की हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि हेमंत सरकार भाषा के नाम पर राज्य की जनता को लड़ा रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की मंशा नहीं है कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिले।

उन्होंने कहा कि झारखंड की स्थानीय भाषाओं को JTET परीक्षा में नजरअंदाज कर हटाया गया।  खूंटी से मुंडारी  को जनजातीय भाषा तथा ,पलामू-गढ़वा से भोजपुरी व गोड्डा से अंगिका और कुरमाली को स्थानीय भाषा के दर्जे से वंचित किया गया।  उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भाषा के विरोध में नहीं, लेकिन अंगिका, भोजपुरी और मुंडारी जैसी भाषाओं को हटाने के इस कृत्य का हम कड़ा विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि जब कुरमाली को हटाया गया तो JLKM चुप क्यों रहा? इसका मतलब साफ है कि इनका आंदोलन सिर्फ चुनावी लाभ और महागठबंधन को मदद पहुँचाने का माध्यम था।

उन्होंने कहा कि J-TET 2025 में भी भाषा के आधार पर अन्याय, पहले जब भाजपा की सरकार थी तब मंत्री मिथिलेश ठाकुर और सांसद निशिकांत दुबे के प्रयास से भोजपुरी क्षेत्रीय भाषा में जोड़ी गई थी, लेकिन आज फिर उसे हटाकर युवाओं के साथ अन्याय किया गया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने मंत्री राधा कृष्ण किशोर और विधायक दीपिका पांडेय सिंह की बात नहीं सुनी।  उन्होंने अंगिका को जोड़ने की बात लिखित रूप से कही थी, पर कैबिनेट ने इसे अनसुना किया। उन्होंने यह प्रश्न उठाया कि कहा कि जब अंगिका में शपथ लेने वाले विधायक और मंत्री मौजूद हैं तो फिर अंगिका को क्षेत्रीय भाषा में क्यों नहीं माना जा रहा?

उन्होंने ने कहा कि जब 2016 के JTET में अंगिका थी, फिर अब क्यों नहीं? गोड्डा की जनता को अपमानित करने के उद्देश्य से अंगिका को परीक्षा से हटाया गया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार J-TET को जानबूझकर उलझा रही है ताकि बहाना बनाकर युवाओं को नौकरी से वंचित किया जा सके। उन्होंने कहा की खतियानी पहचान की आड़ में युवाओं को ठगा एक तरफ खतियानी नीति की बात, दूसरी तरफ अंगिका हटाकर उन युवाओं से धोखा किया जो अंगिका भाषा हैं। उन्होंने कहा की क्या गोड्डा, पलामू, गढ़वा झारखंड का हिस्सा नहीं? सरकार साफ करे कि क्या ये जिले झारखंड के नहीं हैं? अगर हैं तो उनकी भाषाओं को क्यों दरकिनार किया जा रहा है?

अमित मंडल ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि भाषाओं के साथ यह अन्याय जारी रहा तो भाजपा और जनजातीय समाज मिलकर सड़क से लेकर विधानसभा तक जन आंदोलन चलाएंगे।

भाषा के सवाल पर अमित मंडल ने सत्ता पक्ष के मंत्री-विधायक एवं सांसद से पूछा  कि मंत्री राधाकृष्ण किशोर बतायें की पलामू-गढ़वा में मगही बोली जाती है या नहीं? अंगिका में शपथ लेने वाली दीपिका पांडे सिंह को पता नहीं की गोड्डा में अंगिका भी बोली जाती है। मंत्री संजय यादव को भी नहीं पता क्या की गोड्डा में अंगिका बोलने वालों की बहुलता है। सांसद कालीचरण मुंडा बताएं कि खूंटी में मुंडारी बोली जाती है या नहीं, यदि हाँ तो उसे हटाया क्यों गया?

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