रांची: राष्ट्र सेविका समिति, झारखंड प्रांत द्वारा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा, रांची में आयोजित 15 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का भव्य समापन समारोह आज संध्या 4:30 बजे उत्साह एवं गरिमा के वातावरण में संपन्न हुआ। इस शिविर में झारखंड के 20 जिलों से पधारीं 225 सेविका बहनों ने भाग लिया।
शिविर का उद्देश्य युवतियों में अनुशासन, शारीरिक सुदृढ़ता, राष्ट्रभक्ति एवं सांस्कृतिक मूल्यों का विकास करना था। प्रतिदिन सेविकाओं ने योग, व्यायाम, बौद्धिक चर्चा, गीत, सेवा कार्य आदि में भाग लिया। इस आवासीय शिविर में सेविकाओं के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक पक्षों का व्यापक प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण वर्ग में लगभग 12 से 14 शिक्षिकाएं एवं प्रांत स्तर की 10 अधिकारीगण निरंतर उपस्थित रहीं। शिविर को अखिल भारतीय स्तर की वरिष्ठ कार्यकर्ताओं — माननीय सुनीता हल्देकर जी, चित्रा ताई जोशी जी एवं नीता बा जी — का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। क्षेत्र संपर्क प्रमुख माननीय पदमा देवी जी का निरंतर सान्निध्य सेविकाओं को प्राप्त हुआ।
समापन समारोह की मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह कार्यवाहिका माननीय चित्रा ताई जोशी जी ने प्रत्येक कर्म भारत को समर्पित करने की बात कही
“भारत माता हमारी प्राणशक्ति हैं। हमारी भौतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति वह स्वयं करती हैं। हमें अपने जीवन का प्रत्येक क्षण और प्रत्येक कर्म भारत माता के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए,” उन्होंने कहा .
उन्होंने आगे महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर उन्हें याद कर उन्होंने कहा की अहिल्याबाई भारतीय इतिहास की वह पुण्यश्लोक रानी थीं जिन्होंने सेवा, धर्मनिष्ठा और न्यायप्रिय शासन का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने देश के कई पवित्र तीर्थों — काशी विश्वनाथ, प्रयागराज, रामेश्वरम, सोमनाथ और मथुरा — का जीर्णोद्धार कर राष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित किया। उन्होंने नारी सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का जो मार्ग प्रशस्त किया, वह आज की पीढ़ी के लिए भी अत्यंत प्रेरणास्पद है।
इसी कड़ी में महारानी दुर्गावती के बलिदान को भी रूप से स्मरण किया करते हुए चित्रा ताई ने कहा, “रानी दुर्गावती ने विदेशी आक्रांताओं से वीरता से संघर्ष करते हुए मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी। उनका जीवन स्त्री शक्ति के साहस, स्वाभिमान और राष्ट्रप्रेम का अमर प्रतीक है। हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा के पथ पर अग्रसर होना चाहिए।”
समारोह की मुख्य अतिथि *सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने सेविकाओं के अनुशासन, ऊर्जस्विता और सेवाभाव की सराहना करते हुए कहा, “ऐसे शिविर राष्ट्र को कर्तव्यनिष्ठ, चरित्रवान और राष्ट्रभक्त नागरिक प्रदान करते हैं।”
शिविर में देशभक्ति, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता, स्वदेशी उत्पादों का उपयोग और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर विचार-विमर्श एवं अभ्यास हुआ। मुख्य शिक्षिका का दायित्व मनु श्री ने निभाया।
6 जून को नगर में आयोजित पथ संचलन में सेविकाओं ने पूर्ण गणवेश में नगर भ्रमण के लिए शोभायात्राके रुप में निकली, जिसे जनसामान्य ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। यह संचलन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर दुर्गा मंदिर, बस स्टैंड होते हुए पुनः परिसर में समापन तक भव्यता के साथ संपन्न हुआ।
आज के समापन समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से 2000 से अधिक लोग उपस्थित थे, जिनमें शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, महिला संगठनों एवं आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी रही ।
राष्ट्र सेविका समिति की श्रीमती उषा सिंह जी ( प्रांत संचालिका ) , श्रीमती शारदा गुप्ता जी ( प्रांत कार्यवाहिका ) , डॉ त्रिपुला दास जी (प्रांत सह कार्यवाहिका ), श्रीमती निर्मला सिंह जी ( प्रांत संपर्क प्रमुख),श्रीमती पूनम सिंह जी ,डॉ. जिज्ञासा ओझा , ,श्रीमती शालिनी सचदेवजी, श्रीमती रीता सिंह जी, श्रीमती सुमन सिन्हा जी , श्रीमती ग़निता झा जी , श्रीमती कुसुमलता सिंह जी , जय श्री कुजूर, श्रीमती सुधा प्रजापति, श्रीमती अपर्णा सिंह की उपस्थिति रही।पूरे वर्ग में वर्गाधिकारी के रूप में श्रीमती जामवंती मिश्रा जी(प्रान्त बौद्धिक प्रमुख) उपस्थित रहीं।
इस वर्ग की सर्व व्यवस्था प्रमुख मृदुल चौरसिया रहीं।