रांची: भ्रमण के दौरान वित्त आयोग के साथ आयोजित बैठक में प्रमुख औद्योगिक संघों को आमंत्रित नहीं करने पर फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और झारखण्ड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसियेशन ने संयुक्त रूप से आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उद्योग जगत की भागीदारी और सुझावों को शामिल किये बिना राज्य के विकास के लिए वित्तीय योजनाएं बनाना प्रभावी नहीं हो सकता।
चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि आयोग की बैठक में उद्योग विभाग द्वारा प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक संघों को आमंत्रित कर, बिना किसी पूर्व सूचना के बैठक में भाग लेने से रोकना समझ से परे है। औद्योगिक संगठन राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी भागीदारी से राज्य के विकास के लिए वित्तीय योजनाएं बनाने में मदद मिल सकती है।
प्रमुख संघों की अनुपस्थिति में लिये गये निर्णय और बनाई गई योजनाएं राज्य के विकास को प्रभावित कर सकती हैं। आखिर क्या कारण है कि बैठक से पंद्रह दिनों पूर्व उद्योग विभाग (झारखण्ड) द्वारा सभी औद्योगिक संघों को इस बैठक के लिए सूचित किया गया था किंतु पता नहीं किन कारणों से ऐन मौके पर आयोग की इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। उद्योग विभाग द्वारा बैठक की रूपरेखा तय करने के कारणों को समझना मुश्किल है लेकिन यह स्पष्ट है कि प्रमुख संघों की अनुपस्थिति में लिये गये निर्णय राज्य के हित में नहीं हो सकते हैं।
जेसिया के अध्यक्ष अंजय पचेरिवाल ने कहा कि आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में उद्योग विभाग द्वारा प्रमुख संघों को आमंत्रित कर, बिना किसी पूर्व सूचना के बैठक में आने से वंचित किया जाना चिंतनीय है। यह निर्णय न केवल अस्वीकार्य है बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य के विकास में स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी को महत्व नहीं दिया जा रहा है। हमारा मानना है कि उद्योग विभाग को इस बैठक में सभी प्रमुख संघों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि राज्य के विकास के लिए प्रभावी निर्णय लिये जा सकें।