NEWS7AIR

बीआईटी मेसरा, रांची से संबंधित भूमि एवं मामलों को लेकर बैठक

रांची: सोमवार को उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में बीआईटी मेसरा से संबंधित विभिन्न मामलों को लेकर बैठक आयोजित की गयी। समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, उत्कर्ष कुमार, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री सुमित अग्रवाल, वाइस चांसलर, बीआईटी मेसरा, प्रोफेसर इन्द्रनील मन्ना एवं अन्य प्रतिनिधियों के साथ अंचल अधिकारी, कांके उपस्थित थे।

बैठक में बीआईटी मेसरा द्वारा अधिग्रहित भूमि पर छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से चहारदीवारी निर्माण कार्य एवं अन्य मामलों की समीक्षा की गयी। वाइस चांसलर, बीआईटी मेसरा, प्रोफेसर इन्द्रनील मन्ना द्वारा जिला प्रशासन से सहयोग का अनुरोध किया गया, जिस पर उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी सदर, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं अंचल अधिकारी, कांके को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। 

काफी समय से बीआईटी मेसरा अपनी जमीन बचाने में लगा है।  सितम्बर 2002 में झारखंड वन विभाग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि रांची के बाहरी इलाके में 783 एकड़ की खूबसूरत भूमि पर फैले प्रतिष्ठित बीआईटी-मेसरा ने 300 एकड़ से अधिक “संरक्षित वन” पर अतिक्रमण किया है। केंद्र से एक प्रश्न के बाद, वन विभाग ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी जिसमें उल्लेख किया गया है कि बीआईटी-मेसरा ने सैकड़ों एकड़ “संरक्षित वन” पर अतिक्रमण किया है।

वन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया था कि संस्थान की अधिकांश इमारतें और छात्रावास वन भूमि पर बने हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि संरक्षित वनों में बिना अनुमति के निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता, लेकिन संस्थान ने नियमों का उल्लंघन किया है। संस्थान में शॉपिंग मॉल के अलावा 12 छात्र छात्रावास भी हैं।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.