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सांस्कृतिक परंपराओं में वृक्षों को वंदनीय और नदियों को माता का दर्जा : राज्यपाल संतोष गंगवार 

रांची: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की उपस्थिति में आज राज भवन के बिरसा मंडप में ‘विश्व पृथ्वी दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया। 
इस अवसर पर डीपीएस, राँची के छात्र-छात्राओं द्वारा पर्यावरण विषयक संदेशों से युक्त विविध प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत की। राज्यपाल महोदय द्वारा राज भवन परिसर में वृक्षारोपण कर इस दिवस के महत्व को रेखांकित किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि यह दिवस हमें हमारी धरती माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उसके संरक्षण हेतु अपने दायित्वों को निभाने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस की थीम — “Our Power, Our Planet” — हम सभी को नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को 2030 तक तीन गुना बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि पर्यावरण की देखभाल करना भारतीय जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है और भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने में संपूर्ण विश्व को दिशा दिखा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में वृक्षों को वंदनीय और नदियों को माता का दर्जा दिया गया है। यही दृष्टिकोण आज के वैश्विक संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक और प्रेरणादायक है। यदि हम ठान लें, तो भारत न केवल हरित विकास का अग्रदूत बनेगा, बल्कि भावी पीढ़ियों को एक समृद्ध और संतुलित पृथ्वी की सौगात भी दे सकेगा।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी हमारे भविष्य के निर्माता हैं। आपके छोटे-छोटे प्रयास, जैसे कि प्लास्टिक का कम उपयोग, जल और ऊर्जा की बचत, वृक्षारोपण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना, अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने छात्र/छात्राओं को ‘पर्यावरण रक्षक’ की संज्ञा दी और कहा कि उनका आचरण पूरे समाज को प्रेरणा दे सकता है। उन्होंने कहा कि राज भवन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय है, यहाँ वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा का उपयोग तथा जैविक खाद निर्माण जैसी पहल की गई हैं। उन्होंने सभी से धरती माता के प्रति कृतज्ञ रहने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु सजग और समर्पित रहने का आह्वान किया।

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