सड़क और नाली सुविधा और सभ्य समाज का परिचायक होता है।किन्तु जब इन्ही नालियों का निर्माण अधूरा छोड़ दिया जाय और पानी सड़कों पर बहने लगे,तो स्थानीय लोगों के साथ साथ आम राहगीरों के लिए असुविधा का कारण बन जाता है।
कुछ ऐसा ही काम लेस्लीगंज के हृदयस्थली ढेला चौक(चारमुहान)का है।घरों का पानी सुविधापूर्वक तालाब में चली जाय,इसके लिए सड़क के दोनों तरफ पक्की नाली बना हुआ है,किन्तु इसे सिस्टम का दोष कहें या ठेकेदार का दबंगई?पुल के पास लाकर नाली को अधूरा छोड़ दिया,जबकि पुल तक नाली को जोड़ने में बमुश्किल पाँच फीट की दूरी है यही हाल सड़क के दूसरी तरफ बनी नाली का है।
दूसरी तरफ बनी नाली को कुछ लोगों ने बीच मे तोड़कर नाली के गंदा पानी बीच सड़क पर बहने के लिए छोड़ दिया है।कारण नाली को जाम होना बताया जा रहा है। नाली के साफ-सफाई और रखाव के अभाव में नाली का गंदा पानी बीच सड़क पर बह रहा है जिससे स्थानीय लोगों के साथ साथ राहगीरों को भी परेशानी हो रहा है।
स्थानीय दुकानदारों (मुकेश कश्यप,गुड्डू कश्यप, डॉ कृष्णकान्त दुबे, ,सुमित सिन्हा,अनिल कुमार) समेत दर्जनों राहगीरों ने बताया कि यह अधूरा नाली निर्माण कई दुर्घटना का कारण बना हुआ है साथ ही हमेशा सड़क जाम का भी कारण है।ठेकेदार नाली खुदाई कर सारा मिट्टी सड़क पर ही छोड़ दिया, जो उड़ता धूल परेशानी और श्वांस संबंधी बीमारियों का कारण बना हुआ है।साथ ही नाली निर्माण जो पुल में लाकर जोड़ना था पुल से पांच फ़ीट पहले छोड़ दिया,जो आये दिन दुर्घटना का कारण बना हुआ है।
अधूरे निर्माण के संबंध में स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पहले नाली के पानी सहित बरसात का पानी भी बीच सड़क पर जमा रहता था।इस समस्या से निजात दिलाने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप तिवारी ने बीच सड़क पर पानी में बैठकर विरोध जताया और प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर दिलाया।फलस्वरूप जिला परिषद सदस्या आशा देवी के प्रयास से नाली का निर्माण कराया गया,किन्तु ठेकेदार ने निर्माण कार्य पुल से पांच फीट पहले यह कहते हुए की हमारा काम यहीं तक था और एस्टीमेट के अनुसार लाइन लेंथ यहीं तक पूरा होता है।सुविधा के लिए सड़क के दोनों तरफ बनी यह नाली स्थानीय लोगों दुकानदारों और राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।