धनबाद: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को धनबाद में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के खुदिया कोलियरी एरिया कार्यालय के एक क्लर्क और तीन कर्मचारियों को उस समय गिरफ्तार किया, जब वे एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से उसके भविष्य निधि (पीएफ) बकाया को संसाधित करने के लिए ₹15,000 की रिश्वत ले रहे थे।
सीबीआई की छापेमारी और गिरफ्तारियां
एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को करीब साढ़े 11 बजे सीबीआई की टीम ने जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर खुदिया कोलियरी एरिया कार्यालय पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान पीएफ क्लर्क अरविंद राय, स्टाफ सदस्य शंकर चौहान, शीतल बाउरी और अजय कुमार मंडल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
रिश्वत की मांग और शिकायत
खुदिया कोलियरी एरिया के सेवानिवृत्त कर्मचारी उमेश सिंह कई महीनों से अपने पीएफ सेटलमेंट का इंतजार कर रहे थे। हालांकि, अरविंद राय और उनके सहयोगियों ने जानबूझकर प्रक्रिया में देरी की और बकाया राशि जारी करने के लिए 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी।
एक सप्ताह पहले, अरविंद राय ने कथित तौर पर उमेश सिंह पर वित्तीय वर्ष (31 मार्च) की समाप्ति से पहले रिश्वत देने का दबाव बनाया, उन्हें चेतावनी दी कि अन्यथा, उनकी पीएफ राशि वापस कर दी जाएगी। जबरन वसूली से निराश होकर सिंह ने सीबीआई से संपर्क करने का फैसला किया और एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
सीबीआई का जाल और गिरफ्तारी अभियान
सिंह की शिकायत के बाद, सीबीआई अधिकारियों ने जाल बिछाने से पहले रिश्वत की मांग की पुष्टि की। सोमवार को, सिंह को 15,000 रुपये नकद के साथ खुदिया कोलियरी क्षेत्र कार्यालय भेजा गया। जैसे ही उन्होंने अरविंद राय को पैसे सौंपे, सीबीआई की टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आगे की जांच में पता चला कि कर्मचारी राजेश चौहान, शीतल बाउरी और अजय मंडल भी रिश्वतखोरी की योजना में शामिल थे। सीबीआई ने सभी चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पूछताछ के लिए कोलियरी गेस्ट हाउस ले गई।