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पेसा कानून एवं अन्य विषय को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच की  धुमकुड़िया भवन में बैठक 

रांची: पेसा कानून एवं अन्य विषय को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच एवं झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा रांची, एवं अन्य  संगठनों का परिचर्चा सह बैठक सेक्टर 3 ए एन टाइप  धुमकुड़िया भवन प्रांगण धुर्वा  में समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव के अध्यक्षता हुई।

बंधु तिर्की का बयान  पर जताई आपत्ति 

इस बैठक में सर्वप्रथम आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के तत्वावधान में पिछले दिनों रविवार को पुरुलिया रोड स्थित एसडीसी सभागार में पेसा महासभा का आयोजन हुआ था जिसमें कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय बंधु तिर्की  द्वारा दिए गए  बयानों  से  हम सभी सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी एवं अगुआ गनो को घोर आपत्ति है।  इस आपत्तिजनक शब्दों के लिए समिति निंदा करती है जिसमें इन्होंने हमारे कुछ सदस्यों को ‘खलासी ड्राइवर गाड़ी अनपढ़  गंवार एक चपरासी समाज को ज्ञान  पेल रहा है’ इत्यादि भाषा का प्रयोग किया है जो निंदनीय है बंधु तिर्की जी किसी के प्रति अपने अमर्यादित भाषा से  संयम बरते।

धर्म परिवर्तित ईसाई लोग रूढ़ि प्रथा से बाहर हो चुके हैं:  सोमा उरांव 

सोमा उरांव ने कहा कि  अनुसूचित क्षेत्रों विस्तार अधिनियम 1996  को आधार मानते हुए झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 का नियामावली का निर्माण किया गया है जिसको झारखंड सरकार जल्द से जल्द लागू करे। इसको झारखंड सरकार जल्द से जल्द लागू करें। दरअसल  धर्म परिवर्तित ईसाई लोग रूढ़ि प्रथा से बाहर हो चुके हैं ये कानूऩन गांव के एक ग्राम प्रधान  भी नहीं बन सकते। इसलिए इस कानून से इन लोगों को परेशानी हो रही है।

क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव ने कहा है कि पेसा कानून मे हम जनजातियों के लिए वह शक्ति प्रदान किया है जिसमें सामुदायिक का सुरक्षा एवं प्रबंधन के साथ-साथ रूढ़िजन्य विधि सामाजिक एवं धार्मिक प्रथाओं का सुरक्षा करने का अधिकार दिया गया है।  चर्च लॉबी ईसाई ग्रुप को एहसास और पता है कि हम इस रूढ़ि प्रथा व्यवस्था  से बाहर हो चुके हैं इसलिए इन लोगों के द्वारा 15 ,20 सालों से अलग-अलग कोर्ट केस में उलझा कर रखा है और अभी भी वही  लटकाने भड़काने का प्रयास में लगा हुआ है।

संदीप उरांव ने कहा कि चर्च मिशनरी के दबाव में यदि झारखंड सरकार पेसा कानून को लागू नहीं करती है विवश होकर माननीय न्यायालय के शरण में जाएंगे और चर्च का षड्यंत्रकारी योजनाओं को समाज को अवगत कराया जाएगा ।
धर्म परिवर्तित ईसाइयों को पेसा कानून पर ना उगलते बन रहा ना निगलते बन रहा है 

मेघा उरांव ने कहा कि चर्च मिशनरी के लोग बहुत शातिर होते हैं इनका चाल और चरित्र को समझाना मुश्किल है।  धर्म परिवर्तित ईसाइयों को पेसा कानून पर ना उगलते बन रहा ना निगलते बन रहा है ना खुलकर विरोध कर पा रहा है ना ही समर्थन कर पा रहा है ये सांप छछूंदर वाला हाल हो गया है।

मेघा उरांव ने कहा कि जो लोग आदिवासियों का आस्था और विश्वास को नष्ट भ्रष्ट करने वाला मिटाने वाला आज आदिवासियों का हितैषी बन बैठा है।
कौन कौन थे उपस्थित   

इस कार्यक्रम में संदीप उरांव, मेघा उरांव, सोमा उरांव, हिंदूवा उरांव, अंजलि लकड़ा , कुमुदिनी लकड़ा , जगन्नाथ भगत, मनोज भगत, लुथरु, उरांव, रवि प्रकाश उरांव, विशु उरांव,सनी उरांव, मुन्नी देवी, कावेरी उरांव, रोपनी लोरया उरांव, रोपनी मिंज, फाग मुंडा , मंनसा उरांव, लाल मुनी देवी, बलबत तिर्की , प्रदीप टोप्पो, जय मंत्री उरांव,  ललित उरांव, राधा उरांव, पिंकी कछाप, अंजलि खलखो, राजू उरांव, प्रदीप उरांव एवं अन्य।
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