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होमगार्ड जवान जबरन रिटायरमेंट से राहत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे, डीजी ने चुनौती दी

रांची: झारखंड होमगार्ड जवानों के एक समूह ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि उन्हें 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु प्राप्त करने से पहले जबरन रिटायर कर दिया गया।
इस मामले से जुड़े झारखंड हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले जवान झारखंड के चतरा जिले के हैं।

जवान के अनुसार उन्हें 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु प्राप्त करने से पहले जबरन रिटायर कर दिया गया।

झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव राजीव तिवारी ने इस तथ्य की पुष्टि की।

 

तिवारी ने कहा, “31 दिसंबर को करीब 2000 जवानों को जबरन रिटायर कर दिया गया। यह कदम राज्य सरकार द्वारा होमगार्ड का पारिश्रमिक 500 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिदिन करने के कुछ महीने बाद उठाया गया। पिछले साल अगस्त में पारिश्रमिक बढ़ाया गया था और उसी साल दिसंबर में जबरन रिटायर करने की कार्रवाई की गई।” होमगार्ड जवान के अधिवक्ता कुमार हर्ष ने कहा: “राम लखन प्रसाद और 13 अन्य लोगों ने झारखंड होमगार्ड अधिनियम 2005 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए रिट याचिका दायर की है, जिसमें होमगार्ड जवान की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष निर्धारित की गई है।”
इस मामले पर टिप्पणी के लिए महानिदेशक (होमगार्ड और अग्निशमन सेवा) अनिल पाल्टा से संपर्क किया गया, उन्होंने कहा कि आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा, “किसी को भी जबरन रिटायर नहीं किया गया है। नियमानुसार 1951 जवानों को उनकी वास्तविक आयु 60 वर्ष होने पर रिटायर किया गया है। आयु संबंधी दस्तावेजों के सत्यापन से पता चला है कि कई जवान फर्जी आयु संबंधी दस्तावेजों की मदद से काम कर रहे थे। इस मामले में अदालत में जवाब दाखिल किया जाएगा।”

 

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