Ranchi: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) व दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के संयुक्त तत्वावधान में ऑन लाइन माध्यम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित आठ दिवसीय (21- 29 अक्टूबर) फैकल्टी डेव्लपमेंट प्रोग्राम के सातवें दिन आज भी दो सत्रों का आयोजन किया गया। विगत छह दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से कुल बारह विद्वान प्राध्यापक अलग-अलग सत्र में शामिल हुए। सातवें दिन के पहले सत्र में वक्ता के रूप में प्रो. प्रतिभा गोयल, कुलपति, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या, उत्तर प्रदेश से जुड़ीं।
प्रो. गोयल ने “फाइनेंशियल प्लानिंग एंड इंटरनल रिसोर्स मोबिलाइजेशन इन हायर एजुकेशन” विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में वित्त प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया और कहा की किसी भी संगठन की सफलता के लिए वित्त निबंधन बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा की हमें देश के लिए सोचकर हर तबके के लोगों के लिए कोर्स और फीस रखनी चाहिए। भारत जैसे देश में टैलेंट कहीं से भी आ सकते हैं, इसलिए सिस्टम को सबको निहित करने वाला होना चाहिए। हमें अपने स्तर पर भी खर्च कम कर सकते हैं, जैसे बिजली का खर्च। हायर एजुकेशन में फाइनेंशियल प्लानिंग का पूरा खयाल रखना चाहिए, ऐसा उन्होंने कहा।
वहीं दूसरे सत्र में प्रो. आनंद वर्धन शर्मा, प्रति निदेशक, मदन मोहन मालवीय टीचर ट्रैनिंग सेंटर, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी/ पूर्व प्रति कुलपति, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा ने “एकेडमिक लीडरशिप, गवर्नेंस एंड मैनेजमेंट” पर अपने विचार रखे। उन्होंने लीडरशिप के अलग अलग प्रकार पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने एक डेमोक्रेटिक देश में इसकी महत्ता पर जोर देकर अपनी बात रखी। उन्होंने प्रतिभागियों को हजारी प्रसाद द्विवेदी और मदन मोहन मालवीय से सीखने के लिए प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ सुदर्शन यादव (जनसंचार विभाग, सीयूजे) एवं डॉ सुजीत कुमार (जनसंचार विभाग, सीयूएसबी) ने किया। संचालन एमएमटीटीसी के निदेशक डॉ तरुण कुमार त्यागी एवं डॉ सुदर्शन यादव ने किया। डॉ सुजीत कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।