आजसू महतो की पार्टी है। झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 20 अक्टूबर को पार्टी द्वारा जारी उम्मीदवारों के चयन से यही पता चलता है। उम्मीदवारों की सूची में चार महतो शामिल हैं, जिनमें पार्टी प्रमुख सुदेश कुमार महतो, लंबोदर महतो, निर्मल महतो और हरेलाल महतो शामिल हैं। पार्टी भाजपा की सहयोगी है, जो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की बात करती है। आजसू का चयन उसके विजन से मेल नहीं खाता। पिछली बार पार्टी ने गांव की सरकार की बात की थी, लेकिन जिस तरह से महतो के दबदबे के साथ वह आठ सीटों पर सिमट गई, उससे पता चलता है कि वह महतो की सरकार चाहती है। जाहिर तौर पर यही वजह है कि पार्टी को टक्कर देने के लिए महतो ब्रिगेड का इस्तेमाल किया जा रहा है और जयराम महतो और अमित महतो जैसे महतो नेताओं के अलावा अन्य युवा महतो नेताओं को आगे किया जा रहा है। महतो होना बुरा नहीं है, लेकिन फिर आजसू का नाम बदलकर महतो के नाम पर रख देना चाहिए। हाल ही में दुकानदारों के नाम उजागर करने के नाम पर देश में बहस छिड़ी थी। पार्टी के नामकरण के मुद्दे पर भी ऐसी ही बहस शुरू होनी चाहिए।