जमशेदपुर: सारंडा जंगल में गुरुवार सुबह आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुए 40 वर्षीय व्यक्ति ने शुक्रवार को अपने घर पर दम तोड़ दिया।
पीड़ित की पहचान सुनील सुरीन के रूप में हुई है, वह नक्सल प्रभावित जेराइकेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत मारकंडा गांव का निवासी था और जेराइकेला थाना क्षेत्र के ही समता गांव में हीरागिरी जंगल से गुजरते समय आईईडी प्रेशर बम पर पैर रखने से घायल हो गया था।
पश्चिमी सिंहभूम पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आईईडी विस्फोट में व्यक्ति के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी मिलने पर मारकंडा गांव के निवासियों ने उसे अस्पताल ले जाने या पुलिस को सूचित करने के बजाय उसे बचाया और इलाज के लिए उसके घर ले आए।
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शुक्रवार दोपहर को घर पर सुरीन की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा सदर अस्पताल भेज दिया।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि जनवरी 2023 से ही भाकपा-माओवादी विद्रोहियों का एक बड़ा दस्ता सारंडा जंगल में घुस आया है और घने जंगल में असंख्य आईईडी लगा दिए हैं।
हालांकि इस प्रतिबंधित संगठन के कई शीर्ष नेताओं सहित नक्सलियों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों को घायल करने के उद्देश्य से विस्फोटक उपकरण लगाए थे, लेकिन निर्दोष ग्रामीण माओवादियों की इस नापाक साजिश का शिकार हो रहे हैं।
अब तक नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम में आईईडी विस्फोटों की चपेट में आने से महिलाओं सहित दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों की जान जा चुकी है।