झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय ने 8वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया, कल्पतरु वृक्षारोपण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम “भारत दर्शन” रहा मुख्य आकर्षण
रांची: झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय (JRSU) ने अपने 8 वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर कलपतरु वृक्ष का पौधारोपण किया गया, जिसे समृद्धि और विकास का प्रतीक माना जाता है। समारोह में प्रदेश और विश्वविद्यालय के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भाग लिया, जिन्होंने विश्वविद्यालय के प्रति अपने विचार साझा किए और इसके विकास की दिशा में अपने योगदान को सराहा।
समारोह में अतिथि डॉ. मनीष रंजन, आईएएस, महानिदेशक, श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान (SKIPA), रांची, थे, जिन्होंने विश्वविद्यालय के अकादमिक और प्रशासनिक विकास की दिशा में उत्कृष्ट योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में शिक्षा के नए आयाम स्थापित किए हैं, और इस दिशा में आगे भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
इस अवसर पर पी.आर.के. नायडू, आईपीएस (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण (SPCA), झारखंड सरकार एवं झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, भी उपस्थित थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि JRSU ने अपने 8 वर्षों के सफर में कानून प्रवर्तन और सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं।
इसके साथ ही, विश्वविद्यालय के ओंबड्स पर्सन प्रो. (डॉ.) यू.सी. मेहता, परीक्षा नियंत्रक श्री आशीष गुप्ता, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने भी इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। समारोह में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को संबोधित करते हुए अपने भाषण में “विजन 2047” के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह विजन विकसित भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आएगा। उन्होंने छात्रों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आने वाले समय में देश के विकास में उनका योगदान अहम होगा। साथ ही, उन्होंने छात्रों से अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने, अध्ययन में पुस्तकों के महत्व को समझने, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने पर बल दिया।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (DSPMU) के कुलपति, डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने भी अपने भाषण में “विकसित भारत 2047” का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विशेष प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत आज सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, और छात्रों का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉ. शांडिल्य ने छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
समारोह के दौरान आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में कलपतरु का पौधा रोपण किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों ने पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
समारोह का प्रमुख आकर्षण सांस्कृतिक कार्यक्रम “भारत दर्शन” रहा, जिसमें झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के छात्रों ने देश की विविधताओं का शानदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का विषय “विविधता ही भारत की शक्ति है” थी, जिसके माध्यम से भारत की सांस्कृतिक, भौगोलिक और भाषाई विविधताओं को प्रस्तुत किया गया। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और भारत की एकता और अखंडता का संदेश दिया।
समारोह के अंत में विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को उनकी अकादमिक उपलब्धियों और विश्वविद्यालय के विकास में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो. (डॉ.) यू.सी. मेहता ने विश्वविद्यालय के निरंतर प्रगति की सराहना की और सभी को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का यह 8 वां स्थापना दिवस समारोह न केवल विश्वविद्यालय के अकादमिक विकास की यात्रा का प्रतीक बना, बल्कि इसने पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक विविधता, और समृद्ध शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने का भी संदेश दिया।