Ranchi: केन्द्र सरकार की मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों और पीएफ अंशदान जमा करने में देरी पर दंड में कटौती के विरुद्ध ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) ने आज राष्ट्रव्यापी विरोध मनाया।
यह विरोध कंपनियों द्वारा भविष्य निधि (पीएफ) अंशदान जमा न करने पर लगने वाले दंड में की गई भारी कटौती के खिलाफ आयोजित किया गया। ऐक्टू से जुड़े कार्यकर्ता यूनियन कार्यालय से रैली निकालकर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे जहां जोरदार नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया। ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि एनडीए की सरकार बनते ही
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 14 जून, 2024 को एक नई अधिसूचना जारी की। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में अंशदान जमा करने में देरी के लिए लगने वाले दंड में भारी कमी की गई है। यह मोदी सरकार की कॉरपोरेट पक्षीय फैसला है श्रमिकों के मेहनत की कमाई की लूट की खुली छूट देने की फ़ैसला सरकार जब तक वापस नहीं लेती है तब तक विरोध जारी रहेगा।
ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि श्रमिक विरोधी फैसले लेकर केन्द्र सरकार अवैध गतिविधियों को वैधता प्रदान कर रही। श्रम कानूनों को संशोधन कर चार लेबर कोड लाने का मामला हो या कंपनियों को श्रमिकों के पीएफ अंशदान में धोखाधड़ी करने के की छूट ,सरकार कानूनी दायित्वों के उल्लंघन के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित कर रही है। इस मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों की कीमत सरकार को चुकानी पड़ेगी।
विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को कर्मचारी महासंघ के प्रभारी अजब लाल सिंह, श्यामलाल चौधरी, जगरनाथ उरांव, भीम साहू, अजीत लकड़ा, रमेश कुमार रबी, एनामुल हक, सरिता तिग्गा, तस्लीम आदी मुख्य रूप से उपस्थित थे।