रांची: मोदी जी के नेतृत्व वाली एनडीए की नई सरकार द्वारा अपने 100 दिनों के एजेंडे में श्रम कोड को लागू करने के फैसले का ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू ) पुरजोर विरोध करेगा।
ऐक्टू की राष्ट्रीय परिषद सर्व प्रथम भारत सरकार के श्रम मंत्रालय , प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इस फैसले के खिलाफ लिखित पत्राचार कर लेबर कोड को निरस्त करने की मांग करेगा। इससे अगर बात नहीं बनी तो 20 जुलाई से 9 अगस्त तक मजदूरों के बीच एक लाख हस्ताक्षर अभियान चलाकर विभिन्न राज्यों से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
उपरोक्त फ़ैसला 17 -18 जून को दो दिनो तक बिहार के पटना में आयोजित एक्टू राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया। सभी श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम कोड के लागू होने पर मजदूरों को होने वाली समस्याओं से अवगत किया जाएगा।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में थोड़े समय के लिए शामिल होकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य जी ने मजदूर नेताओं से हाल चाल जाना।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि श्रम कानूनों में संशोधन कर चार लेबर कोड बनाए गए हैं जो मजदूर वर्ग के गुलामी की दस्तावेज है। जिसका हर स्तर पर कड़ा विरोध किया जाएगा।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में झारखंड से बैजनाथ मिस्त्री, विकास सिंह,भुवनेश्वर केवट कृष्णा सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए।