रांची : माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायामूर्ति-सह-कार्यपालक अध्यक्ष, झालसा, श्री सुजित नारायण प्रसाद के दिशा-निर्देश तथा माननीय न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष डालसा, रांची, श्री दिवाकर पांडे के मार्गदर्शन में आज राजकीय बुनियादी स्कूल, तमाड़ में वष्ठि लोगों को मिलने वाले लाभ तथा कानून एवं आदिवासियों के अधिकार पर जागरूकता
एलएडसी अधिवक्ता, राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि वर्तमान समय में समाज में हो रहे वृद्धजनों पर अत्याचार एवं उनके अधिकारों का हनन पर सरकार के द्वारा कई कानून बनाये गये है और जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची की ओर से भी मदद पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाता है। आदिवासियों के अधिकार पर फोकस करते हुए कहा कि सरकार द्वारा वृद्धजनों को उनके विशेषाधिकारों तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करने कि लिए पुराने कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ ही नये प्रावधान भी लायें गए हैं। अनुच्छेद-3 के तहत आदिवासियों को आत्मनिर्णय का अधिकार है। इस अधिकार से ही वे अपनी राजनितिक स्थिति स्वतंत्र रूप से तय कर सकते हैं और अपने आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास के प्रयास कर सकते हैं।
डालसा के पीएलवी ने उपस्थित लोगों को वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, जॉब कार्ड, बाल विवाह, बाल श्रम पर जानकारी दी। अनिमा एक्का ने डायान बिसाही पर चर्चा करते हुए कही कि डायन-बिसाही एक अंधविश्वास है।
ज्ञात हो कि 13 जुलाई को आयोजित होनेवाले राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी लोगों के साथ संयुक्त रूप से साझा किया गया। श्री सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आकर वादों का निशुल्क निस्तारण करा सकते है।