रांची, 4 जून: झारखंड में आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी पांच संसदीय क्षेत्रों यानी खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम, राजमहल और दुमका में भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दो सीटें- राजमहल और सिंहभूम खो दीं और खूंटी सीट को मामूली अंतर से बरकरार रखा।
जहां खूंटी में आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से हार गए, वहीं दुमका में सीता सोरेन झामुमो के पुराने दिग्गज और सात बार के विधायक नलिन सोरेन से हार गईं। भाजपा ने अपने आधिकारिक उम्मीदवार और मौजूदा सांसद सुनील सोरेन का नाम वापस लेने के बाद दुमका में झामुमो की पूर्व विधायक सीता को मैदान में उतारा।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थीं, सिंहभूम में झामुमो की जोबा मांझी से हार गईं। जेएमएम ने राजमहल सीट बरकरार रखी है, जहां विजय हंसदक ने भाजपा के ताला मरांडी को हराया। भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए लोहरदगा में अपने मौजूदा सांसद सुदर्शन भगत की जगह समीर उरांव को उतारा, लेकिन वे भी कांग्रेस के सुखदेव भगत से हार गए।