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भाकपा (माओवादी) संगठन के 10 सक्रिय सदस्यों ने कर दिया आत्मसमर्पण

Ranchi: झारखण्ड पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की संयुक्त मुहिम के दबाव और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के प्रभाव से पश्चिमी सिंहभूम जिले में माओवादी संगठन की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है। इसी कड़ी में गुरुवार, 25 सितम्बर 2025 को कोल्हान और सारंडा क्षेत्र में सक्रिय भाकपा (माओवादी) संगठन के 10 सक्रिय सदस्यों ने पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड तथा सीआरपीएफ और झारखण्ड जगुआर (एसटीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

झारखण्ड पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, नक्सली संगठनों के खिलाफ बीते तीन वर्षों में पुलिस, कोबरा, झारखण्ड जगुआर और अन्य केंद्रीय बलों द्वारा कुल 9631 अभियान संचालित किए गए। इन अभियानों में 175 नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया, वहीं 10 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए। भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और कारतूस भी बरामद किए गए। उग्रवाद प्रभावित इलाकों में नए सुरक्षा कैंप स्थापित करने से भी माओवादी संगठन का दायरा सिमटता जा रहा है।

राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत वर्ष 2022 से अब तक 26 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। आज के आत्मसमर्पण को सुरक्षा एजेंसियों ने माओवादियों के लिए एक बड़ा झटका करार दिया है।

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी सदस्यों में एरिया कमेटी सदस्य रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोइपाई और दस्ते के सक्रिय सदस्य गार्टी कोड़ा, जॉन उर्फ जोहन पूरती, निरसो सीदू उर्फ आशा, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची, सावित्री गोप उर्फ मुतुरी उर्फ फुटबॉल और प्रदीप सिंह मुण्डा शामिल हैं। ये सभी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहे हैं, जिनमें हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, यूएपीए और सीएलए एक्ट के तहत दर्ज कांड शामिल हैं।

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