Ranchi: साहेबगंज स्टेशन से यात्री रेल सुविधा में विस्तार के लिए झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को पत्राचार किया गया। साहेबगंज स्टेशन से झारखण्ड के प्रमुख नगरों दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड, जामताडा, जमशेदपुर का सीधा संपर्क स्थापित करने के यात्रियों की मांग पर बल देते हुए चैंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने इन शहरों के लिए रेल सेवा प्रारंभ करने का सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने साहेबगंज से दिल्ली होते हुए झुंझनू, रिंगस एवं जयपुर तक नई ट्रेन शुरू करने की मांग भी प्रमुखता से रखी। यह कहा कि जयपुर एक प्रमुख ऐतिहासिक, व्यावसायिक और पर्यटन स्थल है। वर्तमान में इस मार्ग पर सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं होने से यात्रियों को आवागमन में काफी असुविधा हो रही है। चैंबर द्वारा प्रेषित किये गये मांग में साहेबगंज हावडा इंटरसिटी में एसी चेयरकार कोच जोडने, सियालदह वाराणसी एक्सप्रेस का पुनः परिचालन प्रारंभ करने, हावडा जयनगर ट्रेन में स्लीपर और एसी कोच जोडने, फरक्का एक्सप्रेस का परिचालन पूर्व की भांति मालदा से प्रारंभ करने, साहेबगंज से भागलपुर एवं मालदा के लिए फास्ट पैसेंजर सेवा का परिचालन प्रारंभ करने की मांग शामिल है।
चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि साहेबगंज जिला पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है। यात्री सुविधा के लिहाज से पूर्व रेलवे को हमारी मांगों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाया कि साहेबगंज रेलवे स्टेशन पर उच्च श्रेणी की सुविधाओं से युक्त 22 कोचों की क्षमता वाला वॉशिंग पीट शीघ्र स्थापित किया जाना आवश्यक है। इससे साहेबगंज से विभिन्न दिशाओं में ट्रेनों का नियमित एवं प्रभावी परिचालन संभव हो सकेगा। साथ ही उन्होंने जिले में रेल डिब्बा मरम्मती कारखाना, लॉजिस्टिक हब, वर्कशॉप की स्थापना का भी सुझाव दिया। यह कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन संभव होगा। जिले के यात्रियों की सुविधा हेतु चैंबर द्वारा साहेबगंज स्टेशन के दोनों ओर प्रवेश/निकास द्वार की व्यवस्था के साथ ही प्लेटफॉर्म की संख्या में वृद्धि का सुझाव भी दिया गया।
चैंबर द्वारा रांची कामाख्यां एक्सप्रेस का परिचालन सप्ताह में दो दिन करने की मांग भी की गई। कार्यकारिणी एवं डीआरयूसीसी के सदस्य संजय अखौरी ने कहा कि यह ट्रेन वर्तमान में सप्ताह में केवल एक दिन परिचालित हो रही है जिससे यात्रियों को आवागमन में कठिनाईयां हो रही हैं। झारखंड से बड़ी संख्या में हमारे आदिवासी भाई-बहन असम के चाय बागानों में कार्य करने जाते हैं जिस कारण इस मार्ग पर यात्रियों का आवागमन निरंतर बना रहता है। उन्होंने रांची रेल मंडल से इस ट्रेन को विस्तारित कराने में सहयोग के आग्रह के साथ ही पिस्का रेलवे स्टेशन से कुछ ट्रेनों का परिचालन शुरू करने की मांग की। साथ ही उन्होंने झारखण्ड में मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रति आभार जताया और कहा कि इससे मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लोजिस्टिक्स दक्षता बढ़ेगी। इससे लोगों, माल की आवाजाही सुनिश्चित होगी।