तोरपा : वन विभाग द्वारा मजदूरों को भुगतान के रूप में नकली मनोरंजन बैंक के नोट दिए जाने का मामला सामने आया है। इन नोटों की कोई कानूनी वैधता नहीं है, जिससे मजदूर परेशान और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।मजदूरों को काम के बदले जो भुगतान किया गया, वह असली मुद्रा की जगह मनोरंजन बैंक के नकली नोट थे। ये नोट देखने में बच्चों के खिलौने जैसे हैं, जिन पर साफ़-साफ़ मनोरंजन बैंक लिखा हुआ है। जानकरी अनुसार ग्राम प्रधान बेर्नाड आइंड ने वनरक्षी राहुल कुमार महतो पर आरोप लगाया है कि एरमेरे गांव में वन विभाग के द्वारा 25000 पौधारोपण किया जा रहा है। जिसके तहत मजदूरों को मजदूरी दिया जाना है। उसी के तहत हमे रविवार को देर शाम एक बंडल मनोरंजन बैंक का नोट दिया और कहा कि इसे मजदूरों को बांट देना। मजदूरों ने जब इन नोटों को स्थानीय दुकानों में खर्च करने की कोशिश की, तो उन्हें यह पता चला कि ये नोट चलन में नहीं हैं। मजदूरों ने इसे एक बहुत बड़ा मजाक और अपमानजनक व्यवहार बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने मेहनत से काम किया, लेकिन बदले में नकली नोट देकर उनके साथ धोखा किया गया।
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प्रभारी वनरक्षी
अविनाश लुगुन
मनोरंजन बैंक के नोट का मामला विभाग को एरमेरे गांव के कुछ लोग बदनाम करने के लिए ऐसे मनगढ़ंत मामला उठाया है। मजदूरों को भुगतान करने के लिए सभी मजदूरों को एक साथ विभाग ही पेमेंट करती है। न कि किसी को बांटने के लिए पैसे देती है। पहले ही गांव के एक ग्रामीण के पास एक बंडल मनोरंजन बैंक का पैसा रखे हुए था। रविवार को वनरक्षी राहुल कुमार महतो देर शाम को कटहल लेने के लिए एरमेरे गया था। उसी वक्त जिसके पास मनोरंजन बैंक का नोट था उसे देखने के लिए मांगा ठीक उसी समय कटहल उसके हाथ मे दिया था तो राहुल ने जाली नोट के बंडल को ग्राम प्रधान को पकड़ा दिया था। उस मामले को ही तूल पकड़ा दिया।