कायस्थ महासभा ने विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर किया श्रद्धा सुमन अर्पित
कहा, स्वामी और सन्यासी की कोई जात-पात नहीं होती
इस अवसर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा रांची जिला अध्यक्ष शैलेश कुमार सिन्हा ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद आधुनिक युग में भारत को ज्ञान और विज्ञान के समन्वय के माध्यम से धर्म को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि अगर जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विवेकानंद की तरह गुरु की आज्ञा को रंचमात्र भी संदेह किए हुए अपने जीवन में पालन करना चाहिए।

उन्होंने ने कहा कि विवेकानंद अपने गुरु की आज्ञा मान कर भारत के आध्यात्मिक चरित्र को पूरे विश्व को अवगत कराया और भारत में गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, धर्मांधता के बेड़ियों से मुक्त कराकर भारत के नवनिर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा रांची नगर महानगर के सचिव अरुण वर्मा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि महापुरुषों का जन्म हमें जीवन की राह दिखाता है। जीवन के उद्देश्यों को बताता है। उनके पथ पर चलकर हम अपने जीवन को धन्य करते हैं।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के कार्यालय मंत्री रांची रतन भूषण ने कहा कि स्वामी और सन्यासी की कोई जात-पात नहीं होती है इससे ऊपर उठकर करके हमेशा मानवता के कल्याण के लिए उन्होंने कार्य किया। हमें आवश्यकता है कि हम उनकी विचारधाराओं को समाज में फैला करके समाज को सुखी संपन्न करें।