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पहलगाम हमले से 3 दिन पहले PM मोदी को मिली थी खुफिया रिपोर्ट, फिर भी कार्रवाई नहीं होना बड़ा सवाल- खड़गे

रांची : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित ‘संविधान बचाओ’ रैली में केंद्र सरकार पर दोतरफा हमला बोला—एक ओर आतंकी हमले को लेकर खुफिया चूक पर, तो दूसरी ओर संविधान और लोकतंत्र को लेकर सरकार के रवैये पर।

खड़गे ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई और सरकार ने खुद स्वीकार किया कि यह खुफिया तंत्र की विफलता थी। “मेरे पास जानकारी है कि हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी, और इसी के चलते उन्होंने अपना कश्मीर दौरा रद्द कर दिया। अगर उन्हें पहले से जानकारी थी, तो सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए गए।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश की आम जनता की जान की कीमत इतनी कम हो गई है कि सरकार पहले से जानकारी होते हुए भी कुछ न करे।

इसके साथ ही खड़गे ने यह भी कहा कि यह रैली सिर्फ एक हमले या घटना पर प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे और संविधान की रक्षा के लिए है। उन्होंने आरोप लगाया कि “आज केंद्र सरकार संविधान की मूल भावना को कुचल रही है। आरक्षण, चुनाव आयोग, न्यायपालिका और मीडिया जैसे संस्थानों की स्वतंत्रता खतरे में है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सरकार का मकसद संविधान को “एक दस्तावेज़” भर बना देना है, जबकि यही वह ज़रिया है जिसने देश के हर वर्ग को अधिकार और सम्मान दिया है।

उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे समय में चुप न रहें जब लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर हमले हो रहे हों। “यह लड़ाई किसी एक दल की नहीं, बल्कि देश के भविष्य की है,” खड़गे ने कहा।

इस रैली में कांग्रेस के जिन प्रमुख नेताओं की मौजूदगी रही, उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ के. सी. वेणुगोपाल, भूपेश बघेल, झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के. राजू शामिल थे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान देश की सेना और सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने वाला: भाजपा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज कांग्रेस पार्टी पर बड़ा निशाना साधा।

कहा कि आख़िरकार आज समझ आ ही गया कि ‘संविधान बचाओ’ की आड़ में कांग्रेस वास्तव में करना क्या चाहती है।इस मौक़ापरस्त पार्टी को देश में हुए आतंकी हमले का भी राजनीतिक लाभ उठाना है। सर्वदलीय बैठक के बाद इनके नेता सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि वे केंद्र सरकार के हर फ़ैसले में साथ हैं, और पीठ पीछे ‘संविधान बचाओ रैली’ कर पूरे देश में भ्रम फैला रहे हैं।
कहा जिस समय पूरे देश को एकजुट रहने की ज़रूरत है, उस समय कांग्रेस झूठ और अफ़वाह फैलाकर देश के भीतर दरार पैदा कर रही है। अगर यह देशद्रोह नहीं है, तो क्या है? यह संविधान और देश की जनता के साथ सीधा धोखा है।

कहा कि आज रांची में कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ रैली’ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी ने केंद्र सरकार पर अनर्गल और आधारहीन आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तीन दिन पहले से हमले की जानकारी थी, और उन्हें इंटेलिजेंस रिपोर्ट पहले ही मिल गई थी। शायद कांग्रेस के समय में सिस्टम ऐसे ही काम करता होगा तभी ऐसी घटनायें आम थीं।

कहा कि जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर, वाराणसी समेत पूरा देश सीरियल बम धमाकों से सिहर उठता था। 26/11 जैसे हमलों को अंजाम देकर आतंकी खुलेआम मौत का नंगा नाच करते थे। यहां तक कि कांग्रेस की सरकार में पाकिस्तानी हमारे सैनिकों का सिर काटकर ले जाते थे। लेकिन जब आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मार रहे है। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सेना के शौर्य और पराक्रम का साक्षात उदाहरण हैं।

कहा कि खरगे जी वरिष्ठ और सम्माननीय नेता हैं, लेकिन जब वे भी कांग्रेस की इस ओछी राजनीति का हिस्सा बन रहे हैं, तो उन्हें यह साबित करना होगा कि आख़िर उन्होंने यह ख़बर किस अख़बार में पढ़ी और किन ‘सूत्रों’ की बात कर रहे हैं। अगर वे इसे साबित नहीं कर सकते, तो उन्हें केंद्र सरकार और देश की जनता से अपनी इस शर्मनाक बयानबाज़ी के लिए माफ़ी माँगनी होगी।

कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऐसे समय में जब पूरी दुनिया व्यथित है, तब खरगे जी का गैर जिम्मेदाराना बयान सेना और सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल तोड़ने और एक तरह से पाकिस्तान को मदद करने वाला प्रयास कहा जायेगा।

कहा कि अंत में कांग्रेस के नेताओं से एक नम्र निवेदन—अल जज़ीरा पढ़ना छोड़ दें।

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