रांची: सोमवार को विभिन्न जनजातीयों के विभिन्न संगठनों , जनजाति सुरक्षा मंच झारखंड, झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति, मिसिर गोंदा सरना विकास समिति एवं राष्ट्रीय आदिवासी मंच के पदाधिकारियों के द्वारा 1 मई से 3 मई 2025 तक होने वाले रांची के प्रभात तारा मैदान में झारखंड क्रिश्चियन एसोसिएशन के द्वारा झारखंड प्रार्थना महोत्सव( चंगाई सभा ) को प्रतिबंधित करने हेतु महामहिम राज्यपाल महोदय झारखंड, उपायुक्त महोदय रांची एवं अनुमंडल पदाधिकारी रांची को आवेदन दिया गया।
विदित हो की विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है कि रांची जिला के प्रभात तारा मैदान में 1 मई से 3 मई तक झारखंड प्रार्थना महोत्सव (चंगाई सभा) 2025 का आयोजन झारखंड क्रिश्चियन एसोसिएशन एवं झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन के द्वारा की जा रही है, जिसके कारण मूल (स्थानीय) जनजाति समाज के आस्था एवं विश्वास के साथ में खिलवाड़ किया जा रहा है जिससे आपसी वैन्शमय (झंझट) उत्पन्न होने की संभावना है, इस आयोजन से जनजाति समाज में काफी आक्रोश उत्पन्न होता है तथा पांचवी अनुसूची क्षेत्र, संविधान का अनुच्छेद 244 एवं अनुच्छेद 25 के तहत झारखंड सरकार 2017 धर्म स्वतंत्र विधेयक अधिनियम 2017 की धारा 3 और 5 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है ।
इसी तरह गत वर्ष भी प्रार्थना सभा (चंगाई सभा) के द्वारा भोले-भाले जनजाति समाज को बड़े पैमाने पर बिमारियों से मुक्त होने के नाम पर आदिवासियों का धर्मांतरण किया गया। इस वर्ष चंगाई सभा के स्थान पर केवल प्रार्थना सभा का जिक्र किया गया है ताकि लोग भ्रमित रहे। चर्च के द्वारा इस तरह का क्रिया-कलाप को देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (आई.पी.एल.) लंबित है जिसका वाद संख्या 4213/2018 है।
झारखंड प्रार्थना महोत्सव (चंगाई सभा) 2025 को जनजातियों की अस्तित्व एवं अस्मिता का संरक्षण हेतू अविलंब रोक लगाने की कृपा की जाए। इसके लिए जनजाति समाज आपका सदा आभारी बने रहेगें।
आवेदन देने वालों में संदीप उरांव, मेघा उरांव, सोमा उरांव, प्रदीप लकड़ा, सन्नी टोप्पो, जगरनाथ भगत, जय मंत्री उरांव, लोरेया उरांव, बाढुम देव उराँव, सुशीला उरांव, रीना उरांव,अंगतुक तिर्की, प्रेम टोप्पो, राजू उरांव, मनोज भगत, विशु उरांव, सतीश तिग्गा , प्रदीप लकड़ा, विक्रम उरांव वगैरा उपस्थित थे।