भाकपा (माले) का 7वां राज्य सम्मेलन सम्पन्न
29 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
Ranchi: भाकपा (माले) का 7वां राज्य सम्मेलन आज बोकारो के सेक्टर 2 कलाकेन्द्र में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन के समापन के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और केंद्रीय पर्यवेक्षक, बिहार विधान परिषद सदस्य कॉ.शशि यादव के साथ पार्टी के केंद्रीय कमेटी सदस्य और लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर उपस्थिति में आयोजित इस सम्मेलन में 67 सदस्यीय राज्य कमेटी का गठन किया गया, जिसमें कई नए, युवा और महिला नेतृत्व को प्रतिनिधित्व मिला। कॉ. मनोज भक्त सर्वसम्मति से दूसरी बार राज्य सचिव चुने गए।
सम्मेलन के दौरान जल-जंगल-जमीन, खनिज संसाधनों की लूट, शिक्षा और स्वास्थ्य का निजीकरण, महिला अधिकारों, बेरोजगारी और सांप्रदायिक फासीवादी खतरे जैसे ज्वलंत मुद्दों पर व्यापक और गंभीर बहस हुई। सम्मेलन ने स्पष्ट किया कि भाकपा (माले) झारखंड में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष को तेज करेगी और जनता के सवालों को लेकर जनांदोलनों को और मजबूत किया जाएगा।
सम्मेलन से आह्वान किया गया कि 29 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उनके नाम पर देश में फैलाए जा रहे सांप्रदायिक नफरत और हिंसा के विरुद्ध “श्रद्धांजलि एवं प्रतिरोध दिवस” के रूप में प्रतिवाद किया जाएगा
सम्मेलन का सबसे भावनात्मक क्षण वह था जब लंबे समय से झारखंड में पार्टी निर्माण और नेतृत्व में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ नेता कॉ. जनार्दन प्रसाद को बिहार में नई जिम्मेदारी के लिए स्थानांतरित किया गया। वे वर्षों तक राज्य सचिव रहे और झारखंड के विभिन्न जिलों में संगठन को मजबूत करने में उनकी निर्णायक भूमिका रही। अपने विदाई संबोधन में उन्होंने कहा, “झारखंड की धरती मेरी राजनीतिक यात्रा की आत्मा है। यहाँ के आदिवासी, दलित, किसान, मजदूर और युवा मेरे संघर्षों के साथी रहे हैं। मैं आज भले ही स्थानांतरित हो रहा हूँ, लेकिन मेरा दिल, मेरी स्मृतियाँ और मेरी प्रतिबद्धता हमेशा झारखंड के साथ रहेगी।”
राष्ट्रीय महासचिव कॉ. दीपांकर भट्टाचार्य ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में संगठन की ज़िम्मेदारी बेहद चुनौतीपूर्ण और अवसरों से भरी है। उन्होंने कहा, “झारखंड की जनता में संघर्ष की जबरदस्त परंपरा है। यहाँ का युवा, छात्र, महिला, किसान, सब बदलाव के लिए तैयार हैं। हमें इन जनसरोकारों को संगठित कर आंदोलन की नई लहर खड़ी करनी है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भाकपा (माले) जनता के हक और अधिकारों की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक, हर मोर्चे पर मजबूती से आगे बढ़ाएगी।
नवनिर्वाचित राज्य सचिव कॉ. मनोज भक्त ने संकल्प लिया कि राज्य कमेटी जनसरोकारों की हर लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाएगी और भाजपा की फासीवादी नीतियों के विरुद्ध एके राय, महेंद्र सिंह, गुरुदास चटर्जी, बिरसा मुंडा, भगत सिंह और डॉ. अंबेडकर के सपनों के भारत की दिशा में आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह संगठन सिर्फ चुनावी दल नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी आंदोलन है, और हम इसे जनआंदोलनों की ऊर्जा से और धार देंगे।”
सम्मेलन का समापन क्रांतिकारी गीतों, नारों और गगनभेदी आवाज़ों के साथ हुआ, जिसने यह संदेश दिया कि झारखंड की जनता के संघर्षों की विरासत को भाकपा (माले) नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सम्मेलन की सफलता के लिए दिन रात लगकर तैयारी में लगे पार्टी स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
दिलीप तिवारी राज्य कमिटी सदस्य भाकपा माले।