रांची : झारखंड के कई जिलों में शुक्रवार की सुबह आंधी-बारिश के साथ खूब ओले भी गिरने शुरू हो गए। शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे रांची के आसमान में काले बादल छाये और जोरदार बारिश हुई। आधे घंटे तक राजधानी समेत राज्य के कई हिस्सों में बारिश हुई. गढ़वा, पलामू, लोहरदगा, धनबाद, सिमडेगा, गिरिडीह, देवघर, गुमला, कोल्हान समेत राज्य के कई हिस्सों में मेघ के तेज गर्जन और हवाओं के बीच बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का ये दौर 23 मार्च तक बना रहेगा। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं और कम दवाब क्षेत्र के प्रभाव से मौसम का मिजाज बदला है।
खलारी-पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार की सुबह झमाझम बारिश हुई। वहीं किसानों को काफी नुकसान होने का अनुमान है। इटकी के ग्रामीण इलाकों में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के मुरहू महतो टोली और लोधमा में आंधी-पानी और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जिससे 100 एकड़ से ज्यादा खेतों में लगी सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। किसानों के अनुसार, यह नुकसान इतना अधिक है कि उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ेगा।
इन किसानों की फसलें हुई बर्बाद
मुरहू महतो टोली के किसान अमित महतो, डिबरू महतो, दीपक कुमार, कोल्हा महतो, त्रिवेणी महतो, प्रकाश महतो, रूना महतो, रामदेव महतो, राजेश महतो, तुलसी महतो समेत अन्य 30 किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। वहीं, लोधमा के अजय महतो, सोनू भगत, कपिल महतो, जयमंत महतो, हेमंत महतो समेत अन्य किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा।
इन किसानों ने अपने खेतों में फ्रेसबीन, मक्का, फूलगोभी, बंधागोभी, करैला, भिंडी, कद्दू, बैंगन समेत अन्य सब्जियों की खेती की थी, लेकिन ओलावृष्टि ने सारी फसल चौपट कर दी।
होटल का छप्पर उड़ने से हुआ भारी नुकसान
मुरहू के किशोर महतो, जो सोनमेर होटल के मालिक हैं, उनके होटल के 20-22 एस्बेस्टस तेज आंधी में उड़ गए। जिसके बाद से उनका होटल बंद हो गया और उन्हें भारी आर्थिक क्षति हुई।
किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर
खूंटी के बाजार में अधिकांश सब्जियां इन्हीं इलाकों से आती हैं, और कुछ किसान अपनी उपज रांची के बाजारों में भी बेचते हैं। ऐसे में इस आपदा से पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वे दोबारा अपनी खेती शुरू कर सकें। किसानों का कहना है कि अगर उन्हें जल्द आर्थिक सहायता नहीं मिली, तो उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है।