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राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की स्वराज पदयात्रा की शुरु

Ranchi: राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की झारखंड राज्य इकाई के तत्वाधान में पांच “प” – पहाड़, पानी, पौधा, पंचायती राज और पेशा कानून के संरक्षण पर आधारित चार दिवसीय “स्वराज पदयात्रा” का शुभारंभ घरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु, खूंटी से हु॓आ। आज भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थल पर बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण पुजा पाठ की और बिरसा मुंडा के वंशजों सुखराम मुंडा करन पाहन जेठा मुंडा और मुखिया अमर मुंडु वरदान मुंडा ग्राम प्रधान नेल्सन पुर्ती से मुलाकात कर स्वराज पदयात्रा की शुरुआत की.

इस पदयात्रा में मुख्य रूप से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश , बन्धु तिर्की, रविंद्र सिंह, सतीश पौल मुऺजनी, गजेंद्र सिंह, राकेश किरण महतो,शांतनु मिश्रा, पंचायती राज संगठन के संयोजक सुमित शर्मा,रवि मिश्रा, रामकृष्ण चौधरी, विल्सन, अंजनी रंजन नरेश तिर्की, सुभाष नाग, भारत जोड़ो यात्री अनामिका सरकार, अनुप्रिया सोय, लक्ष्मण हांसदा, आनन्द सिंकू शामिल हुए.

स्वराज पदयात्रा कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि वन विभाग के आंकड़ों में झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 29 प्रतिशत वन क्षेत्र दिखाया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि लगभग 20% भूमि पर जंगल बचे हैं ।शेष जमीन बंजर भूमि है । केन्द्र में बैठी हुई भाजपा सरकार ने वन अधिकार कानून में संशोधन करने का काम किया झारखंड राज्य निर्माण के बाद 18 वषों तक बीजेपी ने शासन किया

राष्ट्रीय वन नीति 1988 में कहा गया है की कुल क्षेत्रफल का 33% क्षेत्र वन छादित क्षेत्र होना चाहिए। झारखंड राज्य का निर्माण और इसके नाम दोनों में यह स्पष्ट है कि राज्य वन छादीत्य राज्य है। बावजूद इसके लगातार जंगलों की कटाई हो रही है इस पदयात्रा के माध्यम से लोगों को जागरूक करना है कि नए पौधे लोग लगाएं और राज्य सरकार भी नए पौधे लगाए ‌। वन अधिकार अधिनियम 2006 आम नागरिकों को अधिकार देता है कि वह अपना जीवन यापन अपने क्षेत्र के वन से पूरा करेंगे ।जब राज्य में जंगल ही नहीं बचेगा तो जंगल पर निर्भर रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन में संकट होना तय है और आज इस राज्य में खनन और अवैध कटाई से जंगल समाप्त हो रहे हैं ।

यह यात्रा जिन क्षेत्रों से गुजरेगी उन क्षेत्रों में जंगल को बचाने पौधे लगाने नदियों और पहाड़ों को संरक्षित करने के लिए जन चेतना का भी निर्माण करेगी। यह पदयात्रा झारखंड में पेयजल एक बड़ी समस्या रही है हमारे राज्य में कोई बड़ी नदियां नहीं है जल जीवन मिशन के माध्यम से नदियों के भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है लेकिन उसके संचय की व्यवस्था करना है। उसकी भी व्यवस्था सरकार करेगी पंचायती राज अधिनियम के माध्यम से राज्य में पैसा कानून 1996 पूर्ण रूप से लागू करना , पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन से प्रदत्त 29 विभागों के अधिकार मिले.

पदयात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बन्धु तिर्की ने कहा कि रघुवर सरकार के प्रावधान जिसमें 9 फरवरी 2013 के बाद जिस व्यक्ति के तीन बच्चे हो उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना यह प्रतिनिधित्व के अधिकार का हनन है । पंचायती राज संगठन इस बात का विरोध करती है कि किसी भी व्यक्ति को उनके बच्चों के आधार पर या उसके उम्र सीमा के आधार पर चुनाव लड़ने से रोकना गलत है हम इस यात्रा के माध्यम से उपरोक्त मुख्य बिंदुओं पर जनता का ध्यान आकृष्ट कराते हुए एक वैचारिक निर्माण करने का प्रयास करेंगे । इस स्वराज पदयात्रा कार्यक्रम की अध्यक्षता राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक सुमित शर्मा ने की।

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