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विद्युत संबंधित समस्याओं पर चैंबर की महाप्रबंधक, बिजली बोर्ड के साथ वार्ता

Ranchi: विद्युत व्यवस्था पर चर्चा के लिए एनर्जी उप समिति के चेयरमेन एन.के. पाटोदिया के नेतृत्व में झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स की एक बैठक रांची क्षेत्र विद्युत आपूर्ति के महाप्रबंधक मनमोहन कुमार के साथ विभागीय कार्यालय में हुई।

विदित हो कि इससे पूर्व चैंबर द्वारा 5 मार्च को ही पत्राचार कर, उनके अधिकार क्षेत्र में आनेवाले विद्युत संबंधित समस्याएं प्रेषित कर दी गई थी। चैंबर द्वारा दिये गये पत्र के आलोक में आज की बैठक में विधिवत् चर्चा हुई। इंडस्ट्रीयल फीडर में बार-बार पावरकट की समस्या कैसे कम की जाय, पर गहन चर्चा हुई। जीएम ने आश्वस्त किया कि चैंबर द्वारा सूचि उपलब्ध कराये जाने पर जहां भी एबी स्विच लगाने की आवश्यकता होगी, लगाकर पावरकट की समस्या को कम किया जायेगा। मेंटेनेंस के लिए फिक्स टाइम निर्धारित करने तथा उसका प्रकाशन समाचार पत्रों में करने के आग्रह पर उन्होंने टीएसई सप्लाई को कार्रवाई के लिए आग्रह किया।

जहां-जहां अंडरग्राउंड केबलिंग हुई है, वहां से ओवरहेड लाइन को हटाने की बात पर जीएम ने कहा कि इसे हटाने से बरसात के दिन में स्टैंड बाय लाइन की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे मेंटेन करके रखा जायेगा। स्मॉर्ट मीटर के फास्ट रीडिंग की बात पर विमर्श के क्रम में यह तय हुआ कि स्मॉर्ट मीटर बहुत सी खूबियों से संलिप्त है। उपभोक्ताओं को स्मॉर्ट मीटर कैसे ऑपरेट करना है, इसकी विधिवत जानकारी मोबाइल एप्प और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित की जायेगी। यह बताया गया कि उपभोक्ता स्वयं ही मीटर की रिडींग लेकर विभाग को भेंजे सकते हैं, उसी बेसिस पर उनका बिल बना दिया जायेगा। जेबीवीएनएल के पोर्टल पर भुगतान की समस्या को दूर करने की बात पर अवगत कराया गया कि पोर्टल की समस्या को दूर कर लिया गया है, आगे से भुगतान में कोई समस्या नहीं होगी।

बार-बार पावरकट की समस्या के समाधान हेतु यह अवगत कराया गया कि सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर एक टाइम शेडयूल बनाकर उसे सर्कुलेट करेंगे कि किस फीडर पर कब मेंटेंनेस के लिए पावरकट होगा। नये कनेक्शन में असाधारण विलब की समस्या पर विभाग द्वारा अध्ययन कर, समस्या को हरसंभव दूर करने का प्रयास किया जायेगा। सिक्योरिटी पर ब्याज विशेषकर डोमेस्टिक और कमर्शियल कंज्यूमर को मिले, इसपर जीएम ने बताया कि साल में एक बार इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी पर ब्याज दिया जा रहा है। डोमेस्टिक और कमर्शियल उपभोक्ताओं को भी मिले, इस हेतु वे अपने स्तर से एक प्रस्ताव हेडक्वार्टर को भेंजेंगे।

उपभोक्ताओं को नियमित रूप से मंथली बिल नहीं मिलने की शिकायत पर चैंबर ने यह सुझाया कि यदि किसी का बिल 4-5 माह का है तो उसे बिना डीपीएस के 4-5 इंस्टॉलमेंट में भुगतान का विकल्प दिया जाय। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में पोर्टल में इंस्टॉलमेंट पर भुगतान करने की सुविधा है पर डीपीएस नहीं लगने की व्यवस्था नहीं है। इस हेतु उच्चाधिकारियों से वार्ता कर, चैंबर को अवगत कराने की बात कही गई। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सप्लाई कोड के अनुसार जितने घंटे बिजली नहीं मिलेगी, उतने घंटे का उपभोक्ताओं के बिल में क्रेडिट भी प्रदान किये जाने का प्रावधान है। जीएम ने कहा कि यह सुविधा वर्तमान में इंडस्ट्रीज को दी जा रही है, डोमेस्टिक व कमर्शियल कंज्यूमर के लिए प्रयास करेंगे कि अप्रैल माह में यह व्यवस्था चालू हो जाय। डेडीकेटेड फीडर जो उपभोक्ताओं के पैसे से बनवाया गया है, पर अन्य उपभोक्ताओं का लोड कनेक्ट करने की बात पर अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में निचले स्तर के अधिकारियों को जरुरी निर्देश दिया जायेगा।

सोलर प्लांट लगाने पर घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, यह व्यवस्था कमर्शियल व इंडस्ट्रीयल कंज्यूमर के लिए भी होनी चाहिए के सुझाव पर अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस हेतु प्रस्ताव बनाकर सक्षम विभाग को भेंजा जायेगा। उपभोक्ता विद्युत की बचत कैसे करें, इसपर चैंबर भवन में कार्यशाला कराने के सुझाव पर विचार के लिए आश्वस्त किया गया।

गुमला जिले के उपभोक्ताओं की समस्याा के समाधान की मांग पर जीएम ने 22 मार्च को स्वयं ही जिले का दौरा कर, जिले के उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनने और निराकरण के लिए आश्वस्त किया। बिल संबंधित शिकायतों के निपटारे में होनेवाले विलंब के समाधान हेतु ईमेल आइडी और वॉटसएप नंबर उपलब्ध कराने के सुझाव पर इस दिशा में जल्द कार्रवाई की बात कही गई।

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