वन नेशन वन इलेक्शन से 4.5 लाख करोड़ रुपए की होगी बचत : सुकांत मजूमदार
एसबीयू में प्रथम राष्ट्रीय वित्त संगोष्ठी का हुआ आयोजन
रांची: आजादी के कई वर्षों बाद भी देश में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ हुआ करते थे। बाद के वर्षों में संकीर्ण राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए इस परंपरा को तिलांजलि दे दी गई। अगर हमारे देश में वन नेशन वन इलेक्शन लागू होता है तो इससे बचे 4.5 लाख करोड़ रुपए का योगदान हमारी अर्थव्यवस्था पर होगा और हमारी जीडीपी का ग्राफ 7 से ऊपर जा सकता है। यह देश के लिए शुभ संकेत होगा। वन नेशन वन इलेक्शन के क्रियान्वयन से देश की वित्तीय हालात में सुधार होगा। इससे विकास कार्य में निरंतरता के साथ ही अनावश्यक खर्चों से देश को मुक्ति मिलेगी और समूचा तंत्र भी अप्रभावित रहेगा।
उक्त बातें आज सरला बिरला विद्यालय के सभागार में आयोजित ‘प्रथम राष्ट्रीय वित्त संगोष्ठी 2025’ के अवसर पर हुए कार्यक्रम में माननीय केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुकांत मजूमदार ने कही। कार्यक्रम में वन नेशन वन इलेक्शन के राज्य संयोजक पूर्व विधायक श्री भानु प्रताप शाही ने देश को एक सुई में पिरोने में वन नेशन वन इलेक्शन की अपरिहार्यता पर तथ्यों को सिलसिलेवार प्रस्तुत किया। देश के संसाधनों और समूचे तंत्र पर बारंबार होनेवाले चुनावों से पड़ रहे चोट पर उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को रूबरू करवाया।
इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने बार-बार होने वाले चुनावों के चलते शिक्षा तंत्र पर प्रभाव पढ़ने वाले दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। इससे होनेवाली समय और आर्थिक बर्बादी का भी उन्होंने जिक्र किया।
सरला बिरला विश्वविद्यालय के माननीय महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने अपने संबोधन में आज के दौर में डिजिटाइजेशन और साइबर सिक्योरिटी पर अपने विचार रखे। उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन से होने वाली होने वाले आर्थिक बचत और समय का जिक्र किया । माननीय कुलपति प्रो. सी. जगन्नाथन ने भारत की प्रगति में तकनीक और आर्थिक शक्ति का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज के दौर में हमारा देश दुनिया के किसी भी देश से किसी भी मामले में पीछे नहीं है और हम आने वाले समय में विकसित भारत की बुनियाद पर काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम के अवसर पर सीसीएल के फाइनेंस एचओडी डॉ. संजय सिंह ने विकसित भारत 2047 के लिए ‘पांच प्रण’ की आवश्यकता की बात कही। उन्होंने विकास के लिए रचनात्मकता को आवश्यक करार दिया। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में टैक्स कंसलटेंट अजयदीप वाधवा, सीए शारदा बागला, सीए प्रभात अग्रवाल और सीए अंशु गुप्ता ने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित किया। कार्यक्रम में कॉमर्स विभाग के डीन डॉ. संदीप कुमार ने स्वागत भाषण के दौरान देश की आर्थिक विकास में तकनीक की साझेदारी पर अपना विचार व्यक्त किया। धन्यवाद भाषण डॉ. करण प्रताप सिंह ने दिया। इस अवसर पर राहुल वत्स, डॉ. मुकेश, डॉ. अनिमेष, डॉ. आरोही आनंद समेत एसबीयू के शिक्षक गण एवं सरला बिरला विश्वविद्यालय के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के आयोजन पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति माननीय श्री विजय कुमार दलान ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।