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एसडीओ के आदेश पर मकान गिराने चकला निवासी जैनुल मियां के घर पहुंचा प्रशासन और हिंडाल्को कंपनी, परिजनों ने की विनती

चंदवा (लातेहार): अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर अंचलाधिकारी जय शंकर पाठक, अंचल निरीक्षक महेश सिंह, चंदवा पुलिस व हिंडाल्को कंपनी के लोग चकला ग्राम निवासी जैनुल मियां के घर पहुंचे जेसीबी मशीन लेकर उनके मकान को गिराने के लिए, चकला के हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी ने अनुमंडल पदाधिकारी महोदय लातेहार के समक्ष शिकायत की थी कि जैनुल मियां के द्वारा मौजा- चकला के खाता नं0-201, प्लॉट नं0-999 एवं 1001 रकबा 0.40 ए0 एवं 1. 00 ए0 भूमि में 0, 00 ए0 में अवैध झोपड़ी बनाया गया है, यह भुमि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी का है।

इसी शिकायत के बाद अनुमंडल पदाधिकारी महोदय ने जैनुल मियां के अवैध झोंपड़ी को हटवाने के निर्देश दिए थे , उक्त कार्य हेतु विवादित स्थल में श्री महेश सिंह अंचल निरीक्षक चन्दवा को दण्डाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था, अंचल अधिकारी चन्दवा को उक्त कार्य हेतु विधि व्यवस्था के वरीय प्रभार दिए गए थे वहीं थाना प्रभारी चन्दवा को उक्त कार्य में विधि व्यवस्था संधारण के लिए आवश्यक मात्रा में पुलिस महिला बल प्रतिनियुक्त करने के निर्देश दिए थे।

पुलिस व दंण्डाधिकारी जेसीबी मशीन लेकर जैसे ही जैनुल मियां के घर पहुंचे, इसकी खबर गांव वालों की लगी फिर आसपास के ग्रामीण जैनुल मियां के घर पहुंच गए, परिजनों ने घर के पास जेसीबी मशीन देखकर आपत्ति जताई इसके बाद आज गरीब का आसियाना उजड़ने से बच गया।

चकला हिंडाल्को कंपनी गरीब परिवार को बसाने की बजाय बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ना चाहती है जो अमानवीय है : अयुब खान

पंचायत समिति सदस्य सह लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी रहे अयुब खान ने कहा कि बीस वर्ष से अधिक समय से यह गरीब परिवार इस खाता प्लॉट में रह रहा है जिसे हिंडाल्को कंपनी बेघर करने पर तुली हुई है।

जैनुल मियां ने इस खाता प्लॉट की भुमि को खरीदा है, खरीदगी की गई जमीन पर ही जैनुल मियां का मकान बना हुआ है और वह पुरे परिवार के साथ करीब बीस वर्ष पहले से चकला में रह रहा है, इनका शिर्फ इतना कसुर है कि इन्होंने इस जमीन को खरीदा है, जमीन का रजिस्ट्री केवाला इनके पास है। खरीदी गई जमीन पर ही इनका मकान है।

इनके पास रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, पाक माह रमजान में इन्हें उजाड़ दिया जाएगा तो वे अपने बच्चों और परिवार को लेकर कहां जाएंगे।

रोजा रखकर बिलखती रहीं महिलाएं, अचानक घरपर जेशीबी मशीन देख सहम गए थे परिजन, नहीं उजाड़ने की पदाधिकारियों से विनती की।

कंपनी और रैयत दोनों के पास कागजात है, कंपनी को यदि इस भुमि की जरूरत है तो कंपनी इस परिवार को दुसरे स्थान पर जमीन लेकर मकान बनाए, क्या कंपनी एक परिवार को बसा नहीं सकती है, गरीब परिवार को बेघर कर इनके साथ अन्याय करना सही नहीं है।

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