बंधु तिर्की का बयान पर जताई आपत्ति
धर्म परिवर्तित ईसाई लोग रूढ़ि प्रथा से बाहर हो चुके हैं: सोमा उरांव
सोमा उरांव ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों विस्तार अधिनियम 1996 को आधार मानते हुए झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 का नियामावली का निर्माण किया गया है जिसको झारखंड सरकार जल्द से जल्द लागू करे। इसको झारखंड सरकार जल्द से जल्द लागू करें। दरअसल धर्म परिवर्तित ईसाई लोग रूढ़ि प्रथा से बाहर हो चुके हैं ये कानूऩन गांव के एक ग्राम प्रधान भी नहीं बन सकते। इसलिए इस कानून से इन लोगों को परेशानी हो रही है।
क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव ने कहा है कि पेसा कानून मे हम जनजातियों के लिए वह शक्ति प्रदान किया है जिसमें सामुदायिक का सुरक्षा एवं प्रबंधन के साथ-साथ रूढ़िजन्य विधि सामाजिक एवं धार्मिक प्रथाओं का सुरक्षा करने का अधिकार दिया गया है। चर्च लॉबी ईसाई ग्रुप को एहसास और पता है कि हम इस रूढ़ि प्रथा व्यवस्था से बाहर हो चुके हैं इसलिए इन लोगों के द्वारा 15 ,20 सालों से अलग-अलग कोर्ट केस में उलझा कर रखा है और अभी भी वही लटकाने भड़काने का प्रयास में लगा हुआ है।
मेघा उरांव ने कहा कि चर्च मिशनरी के लोग बहुत शातिर होते हैं इनका चाल और चरित्र को समझाना मुश्किल है। धर्म परिवर्तित ईसाइयों को पेसा कानून पर ना उगलते बन रहा ना निगलते बन रहा है ना खुलकर विरोध कर पा रहा है ना ही समर्थन कर पा रहा है ये सांप छछूंदर वाला हाल हो गया है।
इस कार्यक्रम में संदीप उरांव, मेघा उरांव, सोमा उरांव, हिंदूवा उरांव, अंजलि लकड़ा , कुमुदिनी लकड़ा , जगन्नाथ भगत, मनोज भगत, लुथरु, उरांव, रवि प्रकाश उरांव, विशु उरांव,सनी उरांव, मुन्नी देवी, कावेरी उरांव, रोपनी लोरया उरांव, रोपनी मिंज, फाग मुंडा , मंनसा उरांव, लाल मुनी देवी, बलबत तिर्की , प्रदीप टोप्पो, जय मंत्री उरांव, ललित उरांव, राधा उरांव, पिंकी कछाप, अंजलि खलखो, राजू उरांव, प्रदीप उरांव एवं अन्य।