रांची: लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के अंतर्गत सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के तहत विकास के लिए चयनित आदिवासी गांव चटुआग के किसानों ने दो फीट गहरे गड्ढे खोदकर उसमें बैठकर जिला प्रशासन का ध्यान अपनी समस्या की ओर आकर्षित करने के लिए जमीन समाधि सत्याग्रह का आयोजन किया।
चंदवा पंचायत समिति के सदस्य अयूब खान ने बताया कि सोमवार को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया।
उन्होंने कहा, “खुली धूप में भूखे-प्यासे बैठे, दो फीट गहरे गड्ढे में लेटे और कब्र में लेटे किसानों ने बिजली के खंभे, तार, पीसीसी पथ, मिट्टी की गिट्टी सड़क, नल-जल योजना के तहत टंकियां लगाने, सभी क्षतिग्रस्त नल-जल टंकियों की मरम्मत, किसानों को वन पट्टा देने, हाल ही में हुए सर्वेक्षण में सुधार कर ऑफलाइन रसीदों को ऑनलाइन करने, पुल-पुलिया निर्माण की मांग की है।” उन्होंने कहा कि यह आंदोलन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां आदिवासी रहते हैं। “गांव में करीब 2000 आदिवासी रहते हैं। इनमें से 2000 में पीवीटीजी के तहत आने वाली परहैया जनजाति भी रहती है। प्रखंड कार्यालय से महज 4 किमी दूर होने के बावजूद यह उपेक्षित है।”
लातेहार के डिप्टी कमिश्नर उत्कर्ष गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की। “जब मुझे विरोध के बारे में पता चला, तो मैंने ग्रामीणों से बात करने के लिए एक अधिकारी को भेजा। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया गया है और उनका समाधान किया जाएगा। एक ग्रामीण ने इस तथ्य की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “उपायुक्त के प्रतिनिधि के रूप में सर्किल अधिकारी जय शंकर पाठक आए थे और उन्होंने सकारात्मक आश्वासन देते हुए ग्रामीणों से हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया। उनके आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने हड़ताल समाप्त कर दी।”