भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के खिलाफ जारी किया आरोप पत्र
पूर्ववर्ती हेमंत सरकार के भ्रष्टाचार के कारनामे सहित हेमंत सरकार पार्ट-2 की भी चर्चा
रांची: प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज झारखण्ड सरकार की खिलाफ आरोप पत्र जारी की। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है। उसे बचने का काम कर रही है। सत्ता में शामिल लोगों की तिजोरी तक भ्रष्टाचार का पैसा पहुंच रहा है। मंत्री के आप्त सचिव के नौकर के यहां से छापे में 35 करोड़ रुपए मिले हैं। ऐसे में मंत्री और सचिव के यहां छापा मारने पर कितने रुपए मिलेंगे, इसका अनुमान लगा पाना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि झारखंड में सत्ता पर बैठे लोग राज्य को लूटने और कमाने में लगे हैं। कांग्रेस आदिवासियों को कीड़ा मकौड़ा की तरह समझती है। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस शुरू से झारखंड और झारखंड वासियों की विरोधी रही है।
28 पन्ने के आरोप पत्र में हेमंत सरकार के भ्रष्टाचार का जिक्र है। साथ ही हेमंत सरकार पार्ट 2 (चंपई सरकार) के कारनामों का भी जिक्र किया गया है। राज्य सरकार द्वारा किए गए वादे और उसके हकीकत को बयां किया गया है।
आरोप पत्र में मोदी सरकार द्वारा पिछले 10 साल में झारखंड को किए गए सहयोग की विस्तृत जानकारी दी गई है। आंकड़ों के माध्यम से भी मोदी सरकार की उपलब्धियां को बयां किया गया है। मोदी सरकार की किसान और कृषि के प्रति गारंटी का जिक्र है। जनजातीय समुदाय के लिए मोदी सरकार गए द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया है।
आरोप पत्र में मोदी सरकार की गरीब कल्याण, पिछड़ा कल्याण, आर्थिक सशक्तिकरण, अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण, महापुरुषों के सम्मान, नारी सशक्तिकरण, अमृत पीढ़ी की नई उड़ान, रोजगार के नए अवसर, खेल के क्षेत्र में सुधार का भी जिक्र किया गया है।
आईएएस पूजा सिंघल, उनके सीए, पूर्व सीएम के विधायक प्रतिनिधि, आईएएस छवि रंजन सहित पूर्व सीएम के कई खासमखास गिरफ्तार हुए हैं। पूर्व सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का निजी कार्यालय में बैठकर सरकारी फाइल निपटाते हैं। तमाम लोगों के काले कारनामों की ईडी के द्वारा पर्दाफाश के बावजूद सरकार के मुख्य सचिव चुप्पी साधे हुए हैं। राज्य सरकार के इशारे पर इन सभी आरोपियों को जेल और अस्पताल में वीवीआईपी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार का सिंडिकेट बचाने के लिए महंगे वकीलों पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा चुके हैं।
आज झारखंड में खुलेआम चढ़ावा संस्कृति चल रही है। पैसों की उगाही के लिए फाइल (लाख), फोल्डर (करोड़) भी जैसे कोडवर्ड का सहारा लेकर लूट की जा रही है। ईडी की जांच में फंसे विशाल चौधरी की संस्था को युवाओं के प्रशिक्षण की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। ईडी के अफसरों को जेल से फंसाने की साजिश रची जा रही है। जेल से गवाहों को धमकी दी जा रही है। जेल का बड़ा बाबू अपने मोबाइल से गवाहों को धमकी देता है। इलाके के एसपी गवाहों पर दबाव बनाते हैं। ईडी जांच में कई सनसनीखेज खुलासे से पूरा राज्य हतप्रभ है।
ईडी द्वारा लगातार अनुशंसा के बावजूद राज्य सरकार द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों व दलालों पर एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की जाती है। 10 सम्मन के बाद भी मुख्यमंत्री ईडी की पूछताछ से भाग रहे थे।
राज्य के सभी विभागों में खुलेआम चढ़ावा संस्कृति हावी है। सभी विभागों में भ्रष्टाचार फैला है। प्रदेश में प्रखंड से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार का चस्का चुका है। मुख्यमंत्री के इलाके के थाने में पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर 2000 रुपए तक की वसूली तो पहले से हो ही रही थी। अब जन्म और जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए साहिबगंज जिले में बिचौलिये 1000 रुपये तक वसूल रहे हैं। नगर निगम कार्यालय में भी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ढाई से तीन हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।