KHUNTI: खूंटी जेल में बंद 12 महिला बंदी अब टेलरिंग का काम सिखेंगीं. इस काम के लिए सहयोग विलेज के द्वारा जेल की महिलाओं के लिए एक नई सिलाई मशीन उपलब्ध करा दिया गया है. साथ ही वर्ष 2017 में दिया गया सिलाई मशीन जो अब खराब पड़ा है, उसकी भी मरम्मत संस्था के द्वारा कराई जा रही है.
यह जानकारी देते हुए डालसा की सचिव राजश्री अर्पणा कुजूर ने बताया कि संस्था के द्वारा ही जेल की महिलाओं के लिए प्रशिक्षक भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे महिलाएं स्वालंबी बन सकेंगीं. जेल से निकलने के बाद उन्हें किसी पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि वे ऊनी कपड़े बुनने के साथ टेलरिंग का काम कर अपना आजीविका चलाते हुए समाज में सम्मान पूर्वक जीवन जी सकेंगीं.
सचिव ने बताया कि इस कार्य में प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश रसिकेस कुमार का मार्गदर्शन और सहयोग है. जेल की प्रभारी अधीक्षक अराधना कुमारी, बड़ा बाबू शहजादा खां और जेल के जमादार विनोद कुमार पांडे भी मदद कर रहे हैं.
पुरूष बंदियों को भी सिखाया जाएगा टेलरिंग का काम
डालसा सचिव राजश्री अर्पणा कुजूर ने बताया कि सहयोग विलेज ने जेल के पुरूष बंदियों को भी टेलरिंग का काम सिखाने की इच्छा जताई है. जल्द ही जेल के लाईब्रेरी के बगल में पुरूषों के टेलरिंग ट्रेनिंग सेंटर का भी उदघाटन कराने पर विचार किया जा रहा है.
महिला बंदियों को कृषि संबंधी प्रशिक्षण देने की सोच
डालसा सचिव ने बताया कि जेल में बंद 12 महिला बंदियों को स्वावलंबन के लिए कृषि संबंधी प्रशिक्षण देने पर भी विचार किया जा रहा है. इससे जेल में महिला बंदी कृषि कार्य सीखकर जेल से बाहर आने के बाद इसे भी अपना स्वरोजगार बना सकेंगीं.
बता दें कि इससे पूर्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर और जेल की प्रभारी अधीक्षक अराधना कुमारी स्वंय प्रशिक्षक बनकर महिलाओं को ऊनी वस्त्र यथा स्वेटर, मफलर और दास्ताना बनाने का प्रशिक्षण दिया है.महिला बंदियों द्वारा तैयार किए गए ऊनी कपड़े वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्ध-वृद्धाओं के बीच वितरित किया गया है.