इस अवसर पर संबोधन में उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं शिक्षकों को बधाई दी और उनके त्याग एवं परिश्रम की सराहना की।
“देश के प्रमुख औद्योगिक नगरी एवं लौह नगरी से विख्यात जमशेदपुर में स्थित इस विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। सर्वप्रथम, मैं आज डिग्री प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। उनके अभिभावक एवं समर्पित शिक्षक भी बधाई के पात्र हैं, जिनके त्याग एवं परिश्रम का आपकी उपलब्धि में अमूल्य योगदान रहा है,” उन्होंने ने कहा।
उन्होंने ने कहा की शिक्षा का उपयोग समाज और राष्ट्र के निर्माण में करना है। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री हासिल करना नहीं, बल्कि ज्ञान हासिल कर, उस ज्ञान का समाज और राष्ट्र के कल्याण में उपयोग करना है।
उन्होंने इस अवसर पर भारत रत्न जे.आर.डी. टाटा को स्मरण किया और कहा कि “1962 में महान दूरदर्शी एवं परोपकारी भारत रत्न जे.आर.डी. टाटा ने कॉलेज को शहर के मध्य में विशाल मैदान के साथ भवन उपलब्ध कराया। बुनियादी ढांचे के साथ, कॉलेज ने अपने अहम विकास चरण में प्रवेश किया। महिला शिक्षा के संदर्भ में, वे सभी महान व्यक्ति स्मरण किए जाएँगे, जिन्होंने शिक्षा, विशेषकर महिला शिक्षा और सामाजिक विकास को नया आयाम दिया। इस अवसर पर मैं वर्ष 2024 में दिवंगत हुए रतन टाटा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने उद्योग जगत के साथ-साथ शिक्षा और समाज सेवा में भी अनुकरणीय योगदान दिया।”