झारखंड के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने सरकार द्वारा आज पेश किये गए आम बजट पर अपनी दी मिश्रित प्रतिक्रिया
रांची: झारखंड के व्यापारियों और उद्योगपतियों के के सरकार द्वारा आज पेश किये गए आम बजट पर अपनी मिश्रित प्रतिक्रिया दी है।
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बजट में एक बार फिर झारखंड की उपेक्षा : राहुल साबू, उपाध्यक्ष, झारखंड चैंबर
वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में एक बार फिर झारखंड की उपेक्षा साफ़ दिखती है। झारखंड, जो खनिज संपदा से भरपूर है, उसके लिए कोई ठोस औद्योगिक नीति नहीं लाई गई। यहां के खनिज संसाधनों का उपयोग कर नए उद्योग स्थापित करने की दिशा में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके अलावा, झारखंड पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार होने के साथ-साथ अपनी अद्भुत जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है, जिससे राष्ट्रीय जीडीपी में बड़ा योगदान हो सकता था। लेकिन बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष नीति नहीं बनाई गई। व्यक्तिगत कर स्लैब में बदलाव की जरूरत थी क्योंकि महंगाई दर काफी अधिक है, ऐसे में वित्त मंत्री के पास इसे बदलने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। कुल मिलाकर, झारखंड को इस बजट से फिर से सौतेला व्यवहार झेलना पड़ा है।
बजट 2025 भारत के औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में बड़े बदलावों की रूपरेखा तैयार करता है: ज्योति कुमारी, उपाध्यक्ष
एमएसएमई के लिए लोन गारंटी लिमिट बढाना, सोशल वेलफेयर सरचार्ज हटाने का प्रस्ताव स्वागतयोग्य : आदित्य मल्होत्रा, महासचिव, झारखंड चैंबर
एमएसएमई के लिए लोन गारंटी लिमिट बढाना, सोशल वेलफेयर सरचार्ज हटाने का प्रस्ताव स्वागतयोग्य है। इससे व्यापारियों को बडी राहत मिलेगी। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर टियर 2 शहरों में स्थापित किये जाने से नये निवेश और रोजगार के अवसर बनेंगे। बजट के माध्यम से पूर्वी भारत के डेवलपमेंट पर ध्यान दिया गया है। एमएसएमई सेक्टर को आसान लोन मिलने, लेदर स्कीम से रोजगार बढने और खिलौना उद्योग को प्रमोट करने से देश के व्यापार परिदृश्य में सुधार होगा।
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12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगाने से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत: विकास विजयवर्गीय, सह सचिव, झारखंड चैंबर
मिश्रित बजट है। 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगाने से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। इससे बाजार में कैश फ्लो होगा और लोग अपने स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान दे सकेंगे। व्यापार के नजरिए से एमएसएमई और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए जो लोने की सीलिंग बढाई गई है, स्वागतयोग्य है। सरकार से हमारी पुरानी मांग थी कि कंपलायंसेस कम किये जायें ताकि व्यापार करने में आसानी हो। इनकम टैक्स में चेंजेज की बात कही गई है पर क्या बदलाव होंगे, यह देखने की चीज है। राज्य की दृष्टि से देखते हैं तो हमारे राज्य की उपेक्षा की गई है। माइनिंग और पावर पर फोकस किया गया है लेकिन माइनिंग में हमारे राज्य को क्या मिलेगा, यह स्पष्ट नहीं है। राज्य सरकार से मांग है कि वो अपने बजट में इस चीज पर फोकस करे कि हमारे यहां जो माइनिंग प्रोडक्ट है, उससे रिलेटेड उद्योगों की यहां स्थापना हो ताकि यहां अधिकाधिक रोजगार का सृजन हो।
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स्टार्टअप के प्रोत्साहन हेतु फंड की व्यवस्था स्वागतयोग्य: नवजोत अलंग, सह सचिव, झारखंड चैंबर
मिडिल क्लास, किसान और उद्यमिता को समर्पित बजट है। 12 लाख तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं, स्टार्टअप के प्रोत्साहन हेतु फंड की व्यवस्था स्वागतयोग्य है। इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों के विनिर्माण के लिए आवश्यक कई पूंजीगत वस्तुओं पर बीसीडी की छूट से भारत में सेल विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना के लिए पूंजीगत व्यय में कमी आएगी। इवी वाहन सस्ते होने से यह सामान्य लोगों की पहुंच में तो होगा ही, पॉल्यूशन कम होगा और पेट्रोलियम पर हमारी निर्भरता भी कम होगी। किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट बढ़ाना स्वागतयोग्य है। झारखण्ड का बजट में उल्लेख नहीं होने से निराशा हुई।
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कर सुधारों की दिशा में बनाई गयी योजना स्वागतयोग्य: रोहित अग्रवाल, कोषाध्यक्ष
बजट में इनकम टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह नया इनकम टैक्स विधेयक पेश करते हुए पहले विश्वास करो बाद में जांच करो की अवधारणा को बताया है। उम्मीद है इसमें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। बजट के माध्यम से सरकार ने कर सुधारों की दिशा में भी अपनी योजना बताई है,जो स्वागतयोग्य है।
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