NEWS7AIR

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर: सुशासन, परोपकार और नारी शक्ति की अमर ज्योति

लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी जयंती महोत्सव का आयोजन

Ranchi: राँची विश्वविद्यालय के आर्यभट सभागार में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी जयंती महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल श्री संतोष गंगवार जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस आयोजन को विशेष बनाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात राष्ट्र सेविका समिति के सदस्यों ने वंदे मातरम् गीत का सामूहिक गायन किया। मुख्य वक्ताओं ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन दर्शन और उनके योगदान पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर का योगदान

माननीय राज्यपाल महोदय ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन परिचय को विस्तार से बताए हुए कहा उनका पूरा जीवन प्रेरणादायी है। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर केवल कुशल प्रशासक ही नहीं थी अपितु उन्होंने समाज में सेवा, न्याय, एवं धर्मपरायणता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी शासन व्यवस्था प्रजा को न केवल सुरक्षा प्रदान करती थी बल्कि, शिक्षा, कला, संस्कृति और धर्म के संरक्षण के लिए प्रेरणादायक थी।

उन्होंने अपने नेतृत्व से समाज और राष्ट्र को नयी दिशा प्रदान की थी। चाणक्य ने कहा था जो शाशक धर्म और सदाचार का पालन करता है। वही समाज और राष्ट्र को नयी दिशा दे पाता है, सच्चा मार्गदर्शन कर पाता है। यह कथन लोकमता अहिल्याबाई जी के जीवन पर पूरी तरह सार्थक बैठता है।

न्याय, धर्म और नीति के मार्ग पर चलने वाली प्रशासिका थीं, जो प्रजा को स्वयं के परिवार का हिस्सा मानती थीं। लोकमता ने ग़रीबों, वंचितों के उत्थान हेतु अनेकों कदम उठाये। उन्होंने समाज और प्रजा के कल्याण को अपने व्यक्तिगत दुःख, सुख पर रखा, उन्होंने मालवा के इतिहास को न केवल समृद्ध बनाया बल्कि भारतीय प्रशासन में स्वर्ण अध्याय जोड़ने भी काम किया।

 

काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण

उन्होंने  कहा कि माननीय प्रधान मंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उद्घाटन पर कहा था “ काशी तो अविनाशी है” अनेकों आक्रमणकारियों द्वारा मंदिर तोड़ा गया तो लोकमाता ने निर्माण करवाया। सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का श्रेय भी लोकमाता को ही जाता है। उनका योगदान केवल मंदिरों के निर्माण, पुनर्निर्माण तक ही सीमित नहीं रहा उन्होंने धर्मशालाओं का निर्माण एवं अनेकों क्षेत्रों उल्लेखनीय योगदान रहा है।

उनका जीवन सेवा, न्याय, त्याग और परोपकार का जीवंत उदाहरण है।

हमारे प्रधानमंत्री जी ने ऐसी नारी शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा की अहिल्याबाई जैसी वीरांगनाओं ने इतिहास
में न केवल अपने प्रशासन और परोपकार से अद्वितीय कार्य किए बल्कि aane वाली पीढ़ियों को संदेश दिया है कि नारी शक्ति से समाज और राष्ट्र को समृद्ध और शशक्त बनता है । आज जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो अहिल्याबाई जैसी विभूतियों का योगदान हमे प्रेरणा देता है। नारी शक्ति के स्वभाव और लोकमता अहिल्याबाई होलकर के योगदान को शब्दों में समेटना संभव नहीं है।

हमारे देश की महिलाओं ने अपने साहस का और सेवा से इतिहास गौरवशाली स्थान अंकित किया है। उनका करितृत्वऔर कृतित्व उनको विश्व की श्रेष्ठतम महिलाओं के पंक्ति में अग्रणी स्थान प्रदान करता है। चाणक्य ने कहा था, “जो शासक धर्म और सदाचार का पालन करता है, वही समाज और राष्ट्र को सही दिशा में ले जा सकता है।” यह कथन लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर पूरी तरह सार्थक बैठता है। उन्होंने गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए अनेक कदम उठाए और समाज व प्रजा के कल्याण को अपने व्यक्तिगत सुख-दुख से ऊपर रखा। उनके शासनकाल में मालवा प्रदेश ने समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए।

धार्मिक एवं सामाजिक योगदान

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने भारतीय संस्कृति और धर्म के संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर, गया, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम जैसे तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयास केवल मंदिरों के निर्माण तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि उन्होंने धर्मशालाओं, जलाशयों एवं अन्य लोक-कल्याणकारी संस्थानों का भी निर्माण करवाया। उनके प्रयासों के कारण आज भी उनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

 

नारी शक्ति का प्रतीक

प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि अहिल्याबाई जैसी वीरांगनाओं ने अपने प्रशासन और परोपकार से इतिहास में अद्वितीय कार्य किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो अहिल्याबाई जैसी विभूतियाँ हमें प्रेरणा देती हैं। उनके जीवन से यह सिद्ध होता है कि नारी शक्ति समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता मा. वी. शांताकुमारी जी ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक साधारण बालिका राजपरिवार की बहू बनीं और अपने जीवन की कठिनाइयों को स्वीकार कर, अपने ज्ञान, नीति, न्याय और परोपकार से एक समृद्ध राज्य की स्थापना की। उन्होंने समाज और राष्ट्र को कुशल प्रशासक के रूप में नेतृत्व प्रदान किया और अपने राज्य को भगवान शिव को समर्पित कर स्वयं एक संचालिका के रूप में शासन किया। उन्होंने आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया और माहेश्वरी साड़ी केंद्र जैसे उपक्रमों की स्थापना की, जो आज भी कार्यरत है। उनकी न्याय व्यवस्था एवं प्रजाहित समर्पित जीवन संपूर्ण भारत की नारीशक्ति के लिये एक मिशाल बनी। राष्ट्र सेविका समिति को महिलाओं का विशाल संगठन है उन्हें अपने कर्तृत्व के आदर्श के रूप में मानती है, और उनके द्वारा बताये गये मार्ग का अनुशरण करती है।

शोध एवं शिक्षा में समावेश

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अजीत सिन्हा जी ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर विस्तृत चर्चा की और इतिहास विभाग को निर्देश दिया कि इस विषय पर शोध कार्य किया जाए तथा इसे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए। उन्होंने घोषणा की कि राँची विश्वविद्यालय जल्द ही लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित एक विशेष पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा।

इसके अतिरिक्त, विभिन्न शोधार्थियों ने इस अवसर पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए, जिनमें अहिल्याबाई की शासन नीतियों, सामाजिक सुधारों, कला और संस्कृति में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। शोधार्थियों और इतिहासकारों ने इस बात पर भी बल दिया कि आधुनिक भारत में सुशासन और प्रशासन के संदर्भ में उनके जीवन से महत्वपूर्ण शिक्षा ली जा सकती है।

समारोह का समापन

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्र सेविका समिति की ओर से अतिथियों को सम्मानित किया गया और स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। वन्देमातरम गीत के साथ इस भव्य समारोह का समापन हुआ।

इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्वान, छात्र-छात्राएँ एवं समाज के विभिन्न वर्गों से आए लोग उपस्थित रहे।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.