रांची: सदान विकास परिषद केंद्रीय समिति की बैठक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 24 जनवरी 2025 को केंद्रीय कार्यालय डिप्टी पाड़ा में परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर पांडे हिमांशु नाथ राय के अध्यक्षता में हुयी।
इस बैठक में झारखंड राज्य के सभी प्रमंडल के सदस्यगण बैठक में सम्मिलित होकर एक स्वर से कहा राज्य में निवास करने वाले 80% सदान का मौलिक अधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र हो रहा है। जिस जगह सदनों की आबादी अधिक है उस क्षेत्र को भी जनसंख्या के आधार पर नहीं तय कर सरकार ने जबरदस्ती झारखंड में निवास करने वाले बहुसंख्यक सदान के मौलिक अधिकार से वंचित कर झारखंड राज्य के 13 जिलों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है जो किसी भी नियम के अनुसार अनुकूल नहीं है।
परिषद ने कहा है कि जिनकी जो जनसंख्या है उसके अनुरूप ही उनको आरक्षण मिले। परिषद किसी भी समुदाय या वर्ग का विरोधी नहीं है वह चाहती है। राज्य में आपसी समरसता बनी रहे . लेकिन राज्य में निवास करने वाले 80% सदानो का भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए।
रांची में बैठक कर सभी ने एक स्वर से कहा है कि पेसा कानून का जोरदार विरोध किया जाएगा इसके साथ ही झारखंड को छठी अनुसूची में शामिल करने का जोरदार विरोध किया है और कहा है कि राज्य के गैर आदिवासी सदान एक मंच पर आकर अपने मौलिक अधिकार के लिए आंदोलन करेगा सदान विकास परिषद की अगली बैठक 5 फरबरी 2025 को 12 बजे दिन में केंद्रीय कार्यालय रांची में होगी इस बैठक में झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि भाग लेंगे और आगे की रणनीति तय किया जाएगा।
झारखंड राज्य के 13 जिलों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है जो न्याय संगत नहीं है आज की बैठक की अध्यक्षता परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर पांडे हिमांशु नाथ राय ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा हम आदिवासी के विरोधी नहीं हैं लेकिन झारखंड राज्य में निवास करने वाले 80% सदान का भी मौलिक अधिकार का हनन बर्दाश्त नहीं करेंगे सरकार को भी राज्य में निवास करने वाले सदानो के प्रति संवेदना होनी चाहिए।
बैठक में परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष परिषद प्रोफेसर पांडे हिमांशु नाथ राय, अरुण कश्यप, डॉ सत्य प्रकाश मिश्रा, विजय महतो, अब्दुल खालिक, लालचंद महतो, महेश्वर प्रसाद, उपेंद्र नारायण सिंह, राधे श्याम वर्मा, दिलीप सोनी सहित कई लोग उपस्थित थे