Ranchi: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) और झारखंड पर्यटन निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय कंटेन्ट क्रीऐशन वर्कशॉप के पांचवे दिन पांच सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र में रांची विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कृति सिंह ने व्लॉगिंग और पॉडकास्टिंग के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि इन माध्यमों से हम पर्यटन को बढ़ा सकते हैं और इसके जरिए किसी भी क्षेत्र का विकास संभव है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी जानकारी को प्रस्तुत करने से पहले उसकी क्रॉस चेकिंग जरूरी है ताकि सटीक जानकारी लोगों तक पहुंचे।
दूसरे सत्र में स्वतंत्र मीडिया पेशेवर कल्पना शर्मा ने मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर सामग्री निर्माण के बारे में चर्चा की। उन्होंने यह बताया कि पेशेवर और गैर-पेशेवर पत्रकारों के बीच मुख्य अंतर क्या है और यह भी कि सोशल मीडिया का प्रभावी इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने ए आई के उपयोग की दिशा पर भी बात की और यह बताया कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सामग्री निर्माण के लिए एआई का सही इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।
तीसरे सत्र में यात्रा कंटेंट क्रिएटर पंकज रामेन्दु ने यात्रा लेखन और स्क्रिप्टिंग पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने यह कहा कि हर यात्रा की अपनी एक खास कहानी होती है और हम तभी ज्यादा सीख सकते हैं जब हम उस यात्रा का हिस्सा होते हैं। पंकज ने यात्रा के अनुभवों को प्रभावी तरीके से साझा करने की कला पर भी बात की।
चौथे सत्र में बीजू टोप्पो और मेघनाथ ने झारखंड की भाषाओं, फिल्मों और गानों के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन माध्यमों से झारखंड की वैल्यू को बाहर लाया जा सकता है और इसे बचाने की जरूरत है। इस दौरान, उन्होंने फिल्म “गांव छोरब नहीं” और “गाड़ी लोहरदगा मेल” का प्रदर्शन किया।
अंतिम सत्र में कंटेंट क्रिएटर अंकुर कसेरा ने झारखंड के पर्यटन को दुनिया भर में प्रस्तुत करने के तरीकों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि फिल्मों और वीडियो के माध्यम से हम झारखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत कर सकते हैं और इसके पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं।