राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों के अंदरूनी क्षेत्रों से लेकर अंडमान निकोबार द्वीप के खिलाड़ी भी हिस्सा लेने आ रहे हैं. खास बात यह है कि नेपाल के भी जनजाति खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे.
इस अवसर पर मुख्य वक्ता वनवासी कल्याण केंद्र के सह क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत ने कहा कि यहां जो खिलाड़ी खेलने आए हैं ये कोई अकादमी या खेल संस्थान से चुनकर नहीं आए हैं सभी जनजाति खिलाड़ियों का चयन वनवासी कल्याण केंद्र द्वारा आयोजित ग्रामीण और जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं के माध्यम से हुआ है. वनवासी कल्याण केंद्र जनजाति प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें प्रशिक्षित कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास खेलकूद के माध्यम से कर रहा है.
नई शिक्षा नीति में खेलकूद अब शिक्षा में बाधा नहीं बनेगी, जो खिलाड़ी अपने खेल सत्र के कारण परीक्षा से वंचित हो जाते थे उनके लिए नई शिक्षा नीति में विशेष परीक्षा का प्रावधान है.
टाटा स्टील स्पोर्ट्स के मुकुल चौधरी ने कहा कि टाटा कंपनी भी खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए हमेशा आगे रहा है इस खेल प्रतियोगिता में भी कोई खिलाड़ी अगर अच्छा करेगा तो उसको आगे बढ़ाने का प्रयास टाटा स्टील स्पोर्ट्स अवश्य करेगा.
भारतीय तीरंदाज कोच पूर्णिमा महतो ने कहा कि झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नही है आवश्यकता है सही प्लेटफॉर्म मिलने की, ये प्रयास वनवासी कल्याण केंद्र कर रहा है. खिलाड़ी अगर मेहनत और लगन से खेल मैदान में लगे रहें तो अवश्य आगे बढ़ेंगे और अपनी प्रतिभा को निखार पाएंगे यहां खेलने आए सभी खिलाड़ियों को मेरी शुभकामना है, वे अपने प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन करें.
उद्घाटन अवसर पर अध्यक्षता मुरलीधर केडिया ने, मंच संचालन सुरा विरुलि ने किया और देवनन्दन सिंह, सुशील मरांडी, डोमन महतो, डॉ पुष्कर बाला, राजेश गुप्ता, विनोद तिवारी, कमलेश कुमार के साथ अन्य गणमान्य लोगों की विशेष उपस्थिति रही.