रांची; धान की सरकारी खरीद दर उड़ीसा में ₹3100/ एवं छत्तीसगढ़ में ₹3217/ प्रति क्विंटल , जबकि झारखंड में ₹2400/प्रति क्विंटल। यह जानकारी साझा करते हुए झारखंड एग्रो चैम्बर के अध्यक्ष आनंद कोठारी ने झारखंड में किसान के शोषण पर चिंता व्यक्त की है।
कोठारी ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में प्रति एकड़ धान की उत्पादकता झारखंड से अधिक है और उत्पादन लागत झारखंड से कम है , इस कारण झारखंड के किसानों को धान की कीमत अधिक मिलनी चाहिए परन्तु उन्हें उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के अपेक्षाकृत ₹700/ से ₹800/ प्रति क्विंटल कम कीमत मिल रही है , यह राज्य के गरीब किसानों के साथ नाइंसाफी है I
इंडिया गठबंधन ने चुनावी वादा किया था उनकी सरकार सत्ता में आने पर धान की खरीद ₹3200/ प्रति क्विंटल की दर से करेगी परन्तु वर्तमान में सरकार द्वारा धान की खरीद ₹2400/ प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है जिस कारण गरीब किसानों को भयंकर नुकसान हो रहा है I
एग्रो चैम्बर के अध्यक्ष आनंद कोठारी ने जानकारी दी कि राज्य में इस वर्ष धान की बम्पर पैदावार हुई है, अनुमान है कि धान की पैदावार 60 लाख टन से अधिक होगी परंतु राज्य सरकार द्वारा मात्र 6 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है जबकि उड़ीसा सरकार ने 80 लाख टन एवं छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 160 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है , इस कारण यहां के ज्यादातर किसानों को कड़ी मेहनत से उत्पादित धान की सही कीमत नहीं मिल पाएगी , उन्हें विवश होकर धान ₹1800/ से ₹2000/ प्रति क्विंटल की दर से बेचना पड़ेगा यानी उन्हें ₹1200/ से ₹1400/ प्रति क्विंटल का नुकसान सहना पड़ेगा जिससे राज्य के 35 लाख से अधिक कृषक परिवार की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से प्रभावित होगी I
आनंद कोठारी , संस्थान के सदस्यों एवं राज्य के 35 लाख किसानों की ओर से मुख्यमंत्री सोरेन से आग्रह किया है कि वे राज्य की 70% ग्रामीण को आर्थिक संकट से बचाएं, राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कमजोर होने न दें I राज्य के 35 लाख से अधिक कृषक परिवार को उन्हें उनके उत्पाद का सही कीमत दिलवाकर उनकी खुशियों का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त करें I
मुख्यमंत्री से उन्होंने आग्रह किया है कि वादे के अनुसार धान की खरीद ₹3200/ प्रति क्विंटल की दर से करें और इस दर पर कम-से-कम 15 लाख से 20 लाख धान की खरीद करें, धान के खरीद केंद्र की संख्या कम-से-कम 4000 तक करें I