रांची: खेलकूद में भाग लेने से केवल शारीरिक विकास ही नहीं बल्कि बौद्धिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास भी होता है एवं वह युवा जीवन में आने वाली भावी चुनौतियां का बेहतर ढंग से सामना करने में समर्थ बनता है।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का निदेशक छात्र कल्याण डॉ बीके अग्रवाल ने शुक्रवार को रांची कृषि महाविद्यालय की दोदिवसीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद में भागीदारी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं में जो खेल भावना, अनुशासन एवं समन्वय भाव खेलकूद के दौरान रहता है वह सालों भर और प्रत्येक गतिविधि में रहना चाहिए। विद्यार्थी सुबह से मैदान में दिखेंगे तो खेलकूद संबंधी सारी सुविधाएं मुहैया की जाएंगी। कम से कम 25-30 प्रतिशत विद्यार्थियों को जरूर खेलकूद में भाग लेना चाहिए।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ शंभूनाथ कर्मकार ने कहा कि कॉलेज का प्लेग्राउंड सालों भर साफ सुथरा एवं मेंटेंड रहना चाहिए तथा यहां लाइट की भी समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए ताकि शाम में भी विद्यार्थी खेल सकें।
कृषि महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी डॉ नीरज कुमार ने निदेशक छात्र कल्याण से आग्रह किया कि अनुबंध के आधार पर एक कोच की नियुक्ति यथाशीघ्र की जाए जो विद्यार्थियों को नियमानुसार प्रैक्टिस करा सके।संचालन डॉ अरुण कुमार तिवारी ने किया।
इस अवसर पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के मृदा एवं जल संरक्षण विभाग के अध्यक्ष तथा प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी परियोजना के परियोजना समन्वयक डॉ राकेश शारदा, बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ पीके सिंह, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के एसोसिएट डीन प्रो डीके रुसिया तथा बीएयू के क्रीडा़ समन्वयक डॉ एमके बर्णवाल भी उपस्थित थे।
आयोजन समिति के डॉ मिण्टू जॉब, डॉ शशि किरण तिर्की, डॉ शिवम मिश्र, राकेश कुमार महतो, हर्ष कुमार, प्रीति ज्योत्सना तिर्की तथा प्रीति कुमारी मुर्मू की सक्रिय भूमिका रही। आज छात्र और छात्राओं के वर्ग में विभिन्न प्रकार की दौड़ कूद प्रतियोगिताएं हुईं। शनिवार को समापन समारोह में कुलपति डॉ एससी दुबे विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगे।