NEWS7AIR

उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के हाल के निर्णयों ने हेमंत सरकार को आइना दिखाया: प्रतुल शाहदेव 

हेमंत सोरेन के द्वारा लगाए गए राजनीतिक  विद्वेष के आरोप को खारिज किया 

रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज रांची के मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता करते हुए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के हाल के निर्णय के आदेश में राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला ।प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए जो याचिका दाखिल की थी उसे उच्च न्यायालय ने न सिर्फ खारिज किया बल्कि मुख्यमंत्री के द्वारा राजनीतिक बदले का जो आरोप लगाया गया था, उसे एक हारे हुए मुवक्किल की आखिरी कोशिश की संज्ञा दे दी [WP (Cr) 68 /2024] ।

 हेमंत सोरेन के घर में 36 लाख रुपए की बरामदगी के बचाव में दी गयी दलीलों को उच्च न्यायालय ने असमर्थनीय माना
उच्च न्यायालय ने अपनी तलख टिप्पणी में यह भी कहा कि ईडी ने अब तक जितने साक्ष्य जुटा है प्रथम दृष्टया उसमें हेमंत सोरेन की इस घोटाले में संलिप्तता उजागर होती है। उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास में ईडी की छापेमारी में 36 लाख की रुपए की बरामदगी पर भी बड़ा प्रश्न खड़ा किया ।उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन के द्वारा इसे अपने माता-पिता के इलाज के लिए जमा किए गए पैसे रखने की दलील को अनटेनेबल यानी असमर्थनीय माना।

प्रतुल ने कहा इसी तरीके से राज्य सरकार ने साहिबगंज के नींबू पहाड़ के अवैध खनन मामले में  सीबीआई की जांच के आदेश को चुनौती दी थी।सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जानना था कि राज्य सरकार इस जांच को रोकने के लिए क्यों इतनी उत्सुक है? अंतत राज्य सरकार की याचिका खारिज हो गई और सीबीआई जांच जारी रहेगी.स्पष्ट है कि जो हेमंत सोरेन के कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ था, अब उस घोटाले पर न्यायिक दृष्टिकोण भी सख्त होता जा रहा है और न्यायालय पैनी नजर रख रही है।

उच्च न्यायालय ने जमीन घोटाले में सदर थाना में हुए एफआईआर के साथ छेड़छाड़ करने पर भी कड़ी टिप्पणी की

प्रतुल ने कहा कि सदर थाने में जमीन घोटाले के संबंधित जो एफआईआर हुआ था,उसमें षड्यंत्र की धारा को जोड़ा गया था ।लेकिन इस षड्यंत्र की धारा (120 बी) को पेन से काट के मिटाने की घटना को भी उच्च न्यायालय ने बहुत गंभीरता से लिया है और कहा कि उसे समय हेमंत सोरेन की सरकार का कार्यकाल था।

राजनीतिक रूप से अस्तित्वहीन होने के कगार पर खड़ी और घोटाले में घिरी झारखंड मुक्ति मोर्चा की मान्यता जनता ही समाप्त कर देगी

प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार चौतरफा भ्रष्टाचार और लूट के दलदल में फंस गई है।झामुमो की मान्यता अब जनता ही समाप्त कर देगी।प्रतुल ने कहा कि जिस पार्टी ने सिर्फ तुष्टिकरण के सहारे साढ़े चार वर्षो तक राजनीति की। उनके ही कार्यकाल में हिंदू फल दुकान लिखने पर जेल,सामान्य विद्यालयों को उर्दू विद्यालय बना दिया गया,एक  आईएएस अफसर खुद को मुस्लिम अधिकारी बताते रहे,  विधानसभा में बिना मांग के नमाज स्थल बना दिया, लव जिहाद की घटनाएं बढ़ी।

अब वह भाजपा पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगा रही है।प्रतुल ने कहा वैसे भी झारखंड मुक्ति मोर्चा लोकसभा चुनाव के बाद अपना राजनीतिक रूप से अस्तित्व खोने जा रही है।इसलिए ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाकर नया नॉरेटिव सेट करने की कोशिश हो रही है। झारखंड की जनता नहीं बोल सकती कि इन्होंने अब तक वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का नंगा नाच कर रखा है।
You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.