रांची: मणिपुर में डेढ़ साल से अधिक समय से जारी हिंसा के विरोध में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पार्टी कार्यालय से कैंडल मार्च निकाला।
कांग्रेस भवन में कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा, “प्रधानमंत्री और गृहमंत्री चुनावी लाभ के लिए रोटी, बेटी और मांटी की बात करते हैं, लेकिन भाजपा खुद पिछले डेढ़ साल से भाजपा शासित मणिपुर में जलाई जा रही बेटियों के बारे में कुछ नहीं कहती।”
महतो ने कहा, “रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था, यह बात केंद्र सरकार पर 100 फीसदी लागू होती है। मणिपुर पिछले डेढ़ साल से हिंसा की आग में जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के लोगों की सुध लेना भी उचित नहीं समझा।”
इस अवसर पर कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव ने कहा कि मणिपुर की स्थिति प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की अक्षम कार्यशैली का उदाहरण है। केंद्र और मणिपुर दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद मणिपुर अलगाववाद की आग में जल रहा है। पूरे देश की जनता देख रही है कि डबल इंजन की सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसी राज्य को किस स्तर तक ले जा सकती है। भाजपा की लड़ो और राज करो की नीति का स्पष्ट उदाहरण मणिपुर के रूप में देश के सामने है। आज जब भाजपा को मणिपुर में अपनी सरकार और शासन खतरे में दिख रहा है, तब गृह मंत्री की नींद खुली और वे बैठकें करने में व्यस्त हैं। केंद्र सरकार की अक्षमता ने मणिपुर की स्थिति को और बदतर बना दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने इस अवसर पर कहा कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं पर हो रही हत्याओं और अत्याचारों के मूकदर्शक नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी देशभर में घूम-घूम कर महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं लेकिन उन्हें अपने शासन में महिलाओं और बच्चों पर हो रहे अत्याचार नजर नहीं आते। आदिवासियों के उत्थान की बात करने वाले मोदी जी मणिपुर में समुदायों को आपस में लड़ाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं।’’