रांची: झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा नेताओं से जुड़े दो शिक्षण संस्थानों पर छापा मारा। इन शिक्षण संस्थानों में सरला बिरला स्कूल और उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के बाद कुछ भी बरामद नहीं हुआ है।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “पैसे रखे जाने की सूचना पर रांची पुलिस की टीम ने सरला बिरला स्कूल और उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी समेत कई जगहों पर छापेमारी की। लेकिन कुछ भी बरामद नहीं होने के कारण यह कार्रवाई बेकार रही।”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) चंदन कुमार सिन्हा और राज्य पुलिस प्रवक्ता ए.वी.होमकर ने मामले पर प्रतिक्रिया के लिए फोन नहीं उठाया।
एसएसपी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “मामले पर आधिकारिक टिप्पणी तभी अपेक्षित है, जब छापेमारी में शामिल फ्लाइंग स्क्वॉड अपनी रिपोर्ट देगा। इससे पहले रांची के नामकुम स्थित जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल और वाईवीआईएन यूनिवर्सिटी में भी छापेमारी की गई थी। जहां भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।”
भाजपा ने इस छापेमारी पर कड़ी आपत्ति जताई है।
पार्टी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिस तरह से शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की जा रही है, उससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार अपनी हार से बौखलाकर किसी भी स्तर पर गिर सकती है। शिक्षण संस्थानों में आतंक का राज स्थापित करने की राज्य सरकार की यह कोशिश है। हेमंत सरकार को उस समय शर्मिंदगी उठानी पड़ी, जब सरला बिड़ला स्कूल और उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी से न तो नकदी बरामद हुई और न ही चुनाव से संबंधित कोई दस्तावेज।
सरला बिड़ला समूह 1913 से राज्य की सेवा कर रहा है। इसकी शुरुआत एक अस्पताल से हुई थी। अब यह राज्य के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल और निजी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो चुका है। अकेले सरला बिड़ला शिक्षण संस्थानों में 1041 लोग काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। 12000 बच्चे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस तरह हिमाद्री समूह द्वारा संचालित उषा मार्टिन विश्वविद्यालय में भी हजारों बच्चे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करते हैं। राज्य पुलिस द्वारा इन संस्थानों को निशाना बनाना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को पंगु बनाना चाहती है।
भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल सुधीर श्रीवास्तव का नेतृत्व में चुनाव पहुंचा और मांग किया की सरला बिरला यूनिवर्सिटी एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जो रेड हो रहे हैं उस पर विस्तृत जांच कराया जाए ।
इस मामले में सुधीर श्रीवास्तव ने बताया की दिनांक 3 नवंबर 2024 को भाजपा ने मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रवि कुमार से मिलकर आशंका का जताई थी की चुनाव के दरम्यान सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन मिलकर स्कूलों में रेड कर सकती है या भाजपा नेताओं का हत्या भी करवा सकते हैं।चुनाव घोषणा के बाद से कई शैक्षणिक संस्थाओं में सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन रेड कर चुकी है।
श्रीवास्तव ने बताया कि जिस तरह स्कूल परिसर को टारगेट किया जा रहा है वो भी चुनाव आयोग का भय दिखाकर स्कूल प्रशासन को टारगेट कर छापामारी कर रही है उससे न सिर्फ स्कूल का नाम खराब हो रहा है बल्कि बच्चों एवं गार्जियन भी सकते में है रांची जिला प्रशासन पूरी तरीके से सरकार के आदेश पर सरकार में शामिल पार्टियों के कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है।
प्रतिनिधिमंडल में रोहित शारदा भी शामिल थे।