झाम मो ने दिखया पीटर प्रेम, भाजपा ने बताया गढ़ियाली आंसू
झामुमो ने कहा स्कूल से प्राप्त 1.14 करोड़ भाजपा के, भाजपा ने कहा आलमगीर आलम के पीए के नौकर के घर से 32 करोड़ से ज्यादा
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने शुक्रवार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर देवघर के पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग को कार्यमुक्त करने के आदेश पर अपनी आपत्ति जताई। 29 अक्टूबर को जारी हुआ था आदेश।
“29 अक्टूबर 2024 को आपके कार्यालय द्वारा अचानक देवघर में पदस्थापित पुलिस अधीक्षक अजीत पितर डुंगडुंग का बिना किसी कारण बताए स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया गया, जो अत्यंत चौंकाने वाला और कठोर प्रतीत होता है। इसके पूर्व भी रांची में उपायुक्त के पद पर पदस्थापित अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को बिना कोई कारण बताए स्थानांतरित करने का आदेश पारित किया गया था। महोदय, आपके इन दोनों आदेशों का स्पष्ट उद्देश्य अज्ञात है। राज्य में पदस्थापित आदिवासी और दलित पदाधिकारियों पर इस प्रकार का आदेश अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव में एक विशेष राजनीतिक दल को प्रशासनिक समर्थन प्रदान करता है। वर्तमान में राज्य में छठी विधानसभा के आम चुनाव कराने के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है और इस प्रकार के आदेश प्रशासनिक व्यवस्था को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रतीत होते हैं। हम इन कार्रवाइयों का विरोध करते हैं और संयुक्त रूप से आपके समक्ष अपनी नाराजगी और आपत्ति दर्ज कराते हैं,” पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्र में लिखा है।
यह पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बरहेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दो दिन बाद उनके एक्स संदेश के माध्यम से अपनी चिंता व्यक्त करने के बाद लिखा गया है।
एक्स संदेश में लिखा था, “दलित आईएएस अधिकारी को हटाया गया, लगातार परेशान किया जा रहा है….अब आदिवासी आईपीएस अधिकारी को लगातार परेशान किया जा रहा है….भाजपा को दलितों/आदिवासियों से इतनी परेशानी क्यों है।”
जेएमएम द्वारा मीडिया को पत्र साझा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें इंडिया ब्लॉक के घटक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद लोगों में कांग्रेस प्रवक्ता बिनय सिन्हा दीपू, आरजेडी के कैलाश यादव और सीपीआई (एमएल) के शुवेंदु सेन शामिल थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने भी यही मुद्दा उठाया।
भट्टाचार्य ने कहा: “चुनाव आयोग ने इस बात को ध्यान में रखा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, जो चुनाव लड़ रहे थे, ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी…..दलित और आदिवासी भाजपा के निशाने पर नहीं हैं…..” उन्होंने कहा।
इसी मुद्दे को उठाने के अलावा उन्होंने चुनाव की तारीख के लिए भी चुनाव आयोग पर उंगली उठाई।
भट्टाचार्य ने कहा, “सहमति के बावजूद, चुनाव आयोग त्योहार के समय चुनाव आयोजित कर रहा है… त्योहार के दौरान राज्य से बाहर जाने वाले मतदाताओं को 13 नवंबर को अपने घर लौटने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जब झारखंड में पहले चरण का चुनाव होगा…” जबकि अन्य नेताओं ने भी यही बात दोहराई। भट्टाचार्य ने इस अवसर पर 30 अक्टूबर को एक स्कूल से 1.14 करोड़ रुपये की नकदी बरामद होने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह भाजपा के चुनाव खर्च के लिए था और उन्होंने पार्टी के झारखंड सह-प्रभारी से पार्टी के झारखंड चुनाव बजट के बारे में सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “बरामद किया गया पैसा भाजपा के आजीवन सदस्य मदन सिंह का था… यह एक ब्लॉक के खर्च के लिए था… मैं चाहता हूं कि हिमंत जी लोगों को भाजपा के झारखंड विधानसभा चुनाव बजट के बारे में बताएं।”
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रेस वार्ता पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेस वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव को देखकर यह चुनाव आयोग द्वारा कुछ अफसर को हटाए जाने पर झामुमो घड़ियाली आंसू बहा रहा है। प्रतुल ने कहा जो एससी और एसटी समुदाय के हित की बात करने का नाटक कर रहे, उनको बताना चाहिए एक साधारण गरीब परिवार से आने वाले आदिवासी का बेटा चंपई सोरेन को उन्होंने जबरन सत्ता से क्यों हटाया? चंपई सोरेन जी को अंतिम दिन नियुक्ति पत्र भी बांटने नहीं दिया गय। क्या यह पूरे आदिवासी अस्मिता का अपमान नहीं है? इस प्रदेश में अब तक 7400 बेटियों की इज्जत लूटी गई।जिसमें एक तिहाई एससी और एसटी समुदाय की बेटियां थी।सिर्फ 25% केसों में अभी तक चार्जशीट हुआ है।इस पर हेमंत सोरेन खामोश क्यों हैं?
प्रतुल ने कहा इनकम टैक्स ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी सफलता तब अर्जित की जब उसने कांग्रेस के सांसद धीरज साहू के कार्यालय और आवासीय परिसर में छापा मार कर साढे तीन सौ करोड रुपए नगद बरामद किए थे। पूरी सरकार और सत्ताधारी गठबंधन इसे व्यापार का पैसा बचाने में लग गई। जबकि अब इस मामले की जांच सीबीआई और एनआईए तक कर रही है।प्रतुल ने कहा कि इसी सरकार के कैबिनेट के पूर्व में नंबर दो रहे हुए आलमगीर आलम के पीए के नौकर के घर से 32 करोड़ से ज्यादा रुपए बरामद हुए ।उस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खामोश रहे।हालांकि ईडी को दिए गए बयान में पीए के नौकर और पीए ने स्वीकार किया कि ये पैसा आलमगीर आलम का ही था।
प्रतुल ने कहा झारखंड में पीसी सरकार का मैजिक शो भी फेल हो जाएगा। क्योंकि यहां उससे भी बड़ा जादू हो रहा है। 5 वर्ष में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आयु 7 वर्ष बढ़ गई।प्रतुल ने कहा ये जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने अपने 2019 और 2024 के एफिडेविट के जरिए दिया है। इस सरकार ने पत्थर घोटाला, लोहा घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, खनन घोटाला, लैंड घोटाला के बाद अब आयु घोटाला भी कर दिया।