NEWS7AIR

उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी

 

 

रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने झारखंड की राजधानी के बरियातू में डीएवी स्कूल के पीछे स्थित आदिवासी भूमि से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी। यह याचिका सोरेन के ओर से ५ फरवरी को गिरफतरि के पांच दिन बाद दाखिल की गयी थी।

आदेश की जानकारी रखने वाले उच्च न्यायालय के एक वकील ने कहा की अदालत ने 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज 66 दिनों के बाद फैसला सुनाया।

सोरेन के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने आदेश की पुष्टि की

उच्च न्यायालय के एक वकील ने कहा, “कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस.चंद्रशेखर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने लगातार दो दिनों तक इस मुद्दे पर व्यापक सुनवाई के बाद मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला तब सुनाया जब सोरेन उच्चतम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटा चुके और वहां इसकी सुनवायो ६ मई को होनी है।”

याचिका पर बहस के समय प्रवर्तन निदेशालय की और से कहा गया कि सोरेन ने जमीन पर कब्ज़ा किया और प्रवर्तन निदेशालय द्वारे इस में जांच शुरू हुई तो इसे पुनः मूल रैयत को वापस किया।  खुद को बचाने के लिए गिरफ्तारी से पूर्व ई.डी. के आठ-आठ समन का सम्मान नहीं किया।  सोरेन की और से कहा गया कि गिरफ़्तारी किसी ठोस सबूत के आधार पर नहीं की गयी।  निदेशालय के पास ऐसा कोई कागज़ नहीं जो हेमंत सोरेन और बरियातू के ज़मीन में सम्बन्ध स्थापित कर सके।
You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.