Ranchi: राजभाषा प्रकोष्ठ एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभागार में हिंदी पखवाड़ा का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर क्षिति भूषण दास द्वार दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर हिंदी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा भीष्म साहनी कृत चीफ की दावत कहानी का नाट्य मंचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति ने कहा कि हिंदी सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक भाषा है जो अनेक भाषाओं के शब्दों को अपनाए हुए है।
आगे उन्होंने कहा कि भाषिक और सांस्कृतिक विविधता होने के बावजूद देश को एक सूत्र में बांधने वाली भाषा हिंदी ही है, इसलिए हमे हिंदी को राष्ट्रीय पहचान के रूप में ग्रहण करना चाहिए। स्वागत वक्तव्य देते हुए विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संकायाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार ने कहा कि राजभाषा दिवस के रूप में हिंदी के साथ साथ हमें अन्य मातृभाषाओं को भी बराबर महत्व देने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर प्रभारी हिंदी अधिकारी डा उपेंद्र कुमार ने विश्विद्यालय हिंदी गौरव सम्मान की घोषणा की। श्री रामनिवास सुथार को अपनी कार्यशैली में अधिक से अधिक हिंदी माध्यम का प्रयोग करने के लिए यह सम्मान माननीय कुलपति द्वारा प्रदान किया गया। पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और शेष को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर भगवान सिंह, डा शशि सिंह, डॉ के बी सिंह, डा रत्नेश मिश्र, डॉ बटेश्वर सिंह, डॉ विजय यादव तथा अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी अंशु तथा अभिषेक ने किया और धनबाद ज्ञापन उपकुलसचिव अब्दुल हलीम ने किया।